अमरावतीमहाराष्ट्रमुख्य समाचार

राणा ने रुकवाये खोडके के 150 करोड रुपए

चुनावी अदावत के चलते राणा और खोडके में फिर तनातनी

* अमरावती विधानसभा क्षेत्र में होने थे कई विकास कार्य
अमरावती/दि.2 – लोकसभा चुनाव से पहले नगरोत्थान योजना के तहत अमरावती विधानसभा क्षेत्र में किये जाने वाले विविध विकास कामों हेतु अमरावती की विधायक सुलभा खोडके व राकांपा अजीत पवार गुट के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके ने 150 करोड रुपयों की निधि मंजूर करवायी थी. परंतु निधि मिलने में कुछ देरी हो गई और इसी बीच लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई. जिसके चलते आचार संहिता खत्म होने के बाद इस निधि के जरिए किये जाने वाल ेकामों की निविदा प्रक्रिया को शुरु किया गया. लेकिन आज अचानक ही इन कामों पर राज्य सरकार की ओर से स्थगिति लगा दी गई है. विधायक सुलभा खोडके द्वारा लायी गई निधि के जरिए किये जाने वाले विकास कामों पर स्थगिति लाने का काम बडनेरा के विधायक रवि राणा की ओर से किये जाने की बात भी सामने आयी है. जिसके चलते अब खोडके दम्पति और विधायक रवि राणा के बीच एक बार फिर जमकर तनातनी होने के पूरे आसार दिखाई दे रहे है.
बता दें कि, लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार द्वारा नगरोत्थान योजना के तहत निधि को मंजूरी दी गई थी. जिसके तहत अमरावती महानगरपालिका को 30 फीसद व राज्य सरकार को 70 फीसद हिस्सा इस निधि में देना था. इस निधि के तहत जहां एक ओर विधायक रवि राणा ने अपने बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र में किये जाने वाले विविध विकास कामों के लिए 75 करोड रुपयों की निधि लाने में सफलता प्राप्त की थी तथा लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले ही विधायक रवि राणा द्वारा लाये गये 75 करोड रुपए की लागत वाले विविध कामों की टेंडर प्रक्रिया भी शुरु कर दी गई थी. जिसके उपरान्त पूरे 75 करोड रुपयों के काम को आपस में क्लब करते हुए सभी कामों का ठेका मुंबई की एनआईए (निया) इंफ्रा प्रोजेक्ट प्रा.लि. नामक कंपनी को दे दिया गया था. जिसका काम स्थानीय स्तर पर पुराहित नामक एक व्यक्ति देख रहा है. वहीं दूसरी ओर विधायक सुलभा खोडके व राकांपा अजीत पवार गुट के प्रदेशाध्यक्ष संजय खोडके द्वारा मंजूर कराई गई 150 करोड रुपए की निधि आने में कुछ देरी हो गई थी और इसी दौरान लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाने के चलते निधि मिलने का काम अधर में लटक गया था और यह निधि आचार संहिता खत्म होने के बाद मिली. इसकी वजह से अब कही जाकर इन 150 करोड रुपयों के कामों की निविदा प्रक्रिया शुरु हो पायी थी, लेकिन अमरावती विधानसभा क्षेत्र में किये जाने वाले इन विकास कामों की राह में बडनेरा के विधायक रवि राणा ने अडंगा डाल दिया. जिसकी वजह से 150 करोड रुपयों की निधि से किये जाने वाले कामों पर आज राज्य सरकार द्वारा अचानक ही स्थगनादेश जारी कर दिया गया.
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि, लोकसभा चुनाव दौरान अमरावती संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रहने वाली तत्कालीन सांसद एवं विधायक रवि राणा की पत्नी नवनीत राणा को करारी हार का सामना करना पडा था. जिसे लेकर विधायक रवि राणा ने साफ तौर पर आरोपी लगाया था कि, महायुति में शामिल रहने के बावजूद भी राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके ने नवनीत राणा के पक्ष में काम नहीं किया और संजय खोडके सभी तबलों पर हाथ रखे हुए बैठे रहे. विधायक राणा ने कई तथ्यों के साथ इस बात की शिकायत प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी की. जिसके बाद डेप्यूटी सीएम फडणवीस ने आज कुछ अपरिहार्य कारणों को आगे करते हुए विधायक सुलभा खोडके के नाम आवंटीत 150 करोड की निधि पर स्थगनादेश लगा दिया है.
इस बारे में जानकारी एवं प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किये जाने पर राकांपा अजीत पवार गुट के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके ने अमरावती विधानसभा क्षेत्र हेतु मंजूर 150 करोड रुपए की निधि को राज्य सरकार द्वारा रोके जाने की पुष्टि की है. वहीं इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अब यह स्पष्ट हो गया है कि, इसके पीछे विधायक रविराणा द्वारा किया गया हस्तक्षेप ही सबसे मुख्य वजह था. जिसके चलते विगत लंबे समय से एक दूसरे के धुर प्रतिद्वंदि रहने वाले खोडके दम्पति एवं राणा दम्पति के बीच एक बार फिर जमकर तनातनी मचने के पूरे आसार दिखाई दे रहे है.

Related Articles

Back to top button