अमरावतीमहाराष्ट्र

शंकराचार्य का अपमान करनेवाले राणे चले जाएं वानप्रस्थ आश्रम में

कांग्रेस जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख ने किया राणे के बयान का निषेध

अमरावती / दि.15– हिन्दु धर्म की परंपरा के अनुसार 51 से 75 वर्ष की आयुवाली कालावधि वानप्रस्थ आश्रम में बितानी होती है. इस कालखंड के दौरान सभी क्षेत्रों से बाहर निकलकर समाजोपयोगी उपयोगी काम करना अपेक्षित होता है. उनकी इस समय नारायण राणे की उम्र 71 वर्ष हो चुकी है. अत: उन्होंने राजनीति को छोडकर वानप्रस्थ आश्रम की राह पकडनी चाहिए. इस आशय का व्यंग कसते हुए कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख ने सवाल दागा कि जगतगुरू शंकराचार्य का अपमान करनेवाले नारायण राणे के खिलाफ भाजपा द्बारा कब कार्रवाई की जायेगी.

राम मंदिर के लोकार्पण व प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर जगतगुरू शंकराचार्य के खिलाफ नारायण राणे द्बारा अपमानस्पद बयान दिए जाने की निंदा करते हुए कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख ने कहा कि नारायण राणे जैसे लोग शंकराचार्य के बहाने धर्म का भी अपमान कर रहे है. अपने राजनीतिक स्वास्थ्य के लिए शिवसेना से कांग्रेस और फिर कांग्रेस से भाजपा में जानेवाले नारायण राणे के सामने इस समय भाजपा में अपना अस्तित्व टिकाए रखने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्तुति करने के अलावा अन्य कोई पर्याय नहीं है. यही वजह है कि पीएम मोदी को खुश करने के लिए नारायण राणे द्बारा शंकराचार्य को लेकर बेतुके बयान दिए जा रहे है. परंतु इस बयान से सभी हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई है और यदि भाजपा द्बारा इस बयान के लिए नारायण राणे के खिलाफ कडी कार्रवाई नहीं की जाती तो कांग्रेस द्बारा सडक पर उतरकर तीव्र आंदोलन किया जायेगा.

Related Articles

Back to top button