रंगारी गली का प्राचीन राधाकृष्ण मंदिर का परसों पाटोत्सव

नवनिर्माण पश्चात निखर आया गर्भगृह

* भगवान की अलौकिक मूर्तियों में अदभूत आकर्षण
* 24 मई को हो रहे सवा सौ वर्ष पूर्ण
* 75 वर्षो से नित्य उत्सवों की परंपरा
* रोचक इतिहास भाग 3- अंतिम
अमरावती / दि. 22- रंगारी गली स्थित राधाकृष्ण मंदिर के परसों शनिवार 24 मई को होने जा रहे पाटोत्सव को लेकर भाविकों में अपार उत्साह देखा जा रहा है. प्रत्येक भक्त सबेरे के सत्र में आयोजित उत्सव में सहभागी होने उद्यत हैं. उसी प्रकार यथोचित योगदान के लिए तत्पर हैं. मंदिर की अत्यंत चित्ताकर्षक राधा और कृष्ण के विग्रह प्रत्येक को बरबस आकर्षित करते हैं. उसी प्रकार कालांतर में उत्सव, पर्व और दिन विशेष के अनुसार होनेवाले श्रृंगार से भी सभी आकर्षित होते हैं. राधाकृष्ण सेवा समिति पाटोत्सव को संस्मरणीय बनाने जुटी हैं.
उल्लेखनीय है कि 24 मई को जेठ बदी ग्यारस पर सवा सौ वर्ष पूर्ण हो रहे हैं. मंदिर का पूजा और सेवा भाव रोचक इतिहास रहा है.् पंडितों और वरिष्ठ जनों नेे बताया कि विदर्भ की प्रसिध्द संत विभूति सीताराम दास बाबा ने मंदिर में भगवान राधाकृष्ण के लिए 16 वर्षो तक भोग की नित्य सेवा दी. वे 1950 से पहले इस मंदिर में सेवारत थे.
मंंदिर में अनेकानेक उत्सवों की परंपरा और धूम रही है. परकोटे के भीतर रहनेवाले सभी समाज बंधु होली हो या दिवाली अथवा कोजागिरी, जन्माष्टमी सभी पर्व और उत्सव इसी मंदिर में मनाते थे. आज भी उत्सवों की परिपाटी अनवरत हैं. जबकि एक दौर था कि 25 वर्षो तक सावन के संपूर्ण माह राधाकृष्ण मंदिर में झूला उत्सव और झांकियों के सुंदर दर्शन रहते थे. इस मंदिर से प्रेरणा लेकर अनेक मंदिरों में, गांव और नगरों में उत्सव की यह छटा अपनाई गई थी. कालांतर में उत्सवोें के आयाम बदल गये हैं.
* नवनिर्माण पश्चात बढा आकर्षण
माहेश्वरी मंदिर से सटे राधाकृष्ण मंदिर का नवनिर्माण 90 के दशक में किया गया. गर्भगृह विस्तृत किया गया था. जिससे भाविकों का आकर्षण बढ गया था. उसी प्रकार मंदिर प्रबंधन ने भी उत्सव के अनुरूप श्रृंगार की परिपाटी प्रारंभ की. कई विलोभनीय और संस्मरणीय श्रृंगार आज भी यहां के नित्य श्रध्दालु स्मरण करते हैं. अब तो मोबाइल हैंडसेट के रूप में प्रत्येक के पास स्मार्ट कैमरायुक्त फोन हैं. जिसमेंं भगवान राधाकृष्ण के विग्रह की छवि संकलित करने की होड रहती है.
* जन्माष्टमी पर धूम
राधाकृष्ण मंदिर की स्वाभाविक विशेषता जन्माष्टमी उत्सव रहा है. आज भी श्री माहेश्वरी पंचायत और अब राधाकृष्ण सेवा समिति उत्सव का चाव से आयोजन करता है. किंतु सावन में अनेक अवसरों पर विशेष दर्शन होते ही है. कभी महीने भर के झूला उत्सव की धूम यहां रहती. सैकडों भाविक नित्य दर्शन हेतु पधारते.
* प्रत्येक एकादशी महात्म्य और आरती
राधाकृष्ण सेवा समिति ने गत दो वर्षो से प्रत्येक एकादशी पर कथा महात्म्य और दिव्य आरती के आयोजन अनवरत रखे हैं. जिसमें प्रत्येक समय सैकडों भाविक श्रध्दापूर्वक सहभागी हो रहे हैं. समिति भी एकादशी आरती पर्व को नित नये आयाम दे रही हैं. प्रसिध्द कथावाचकों, प्रेरक वक्ताओं, भागवताचार्य को सस्नेह, सादरपूर्वक आमंत्रण देकर उपस्थित भाविकों को धन्य कर रही है.
* समिति द्बारा पाटोत्सव
सोमाणी ने परसों शनिवार 24 मई को भव्य पाटोत्सव के आयोजन की जानकारी दी. उन्होने बताया कि शनिवार तडके 5 बजे दुग्धाभिषेक और अन्य अभिषेक होंगे. सबेरे 7 बजे मंगल दर्शन होंगे. 8 बजे पालखी यात्रा उत्साहपूर्ण निकाली जायेगी. जवाहर गेट परिसर से भ्रमण कर पालखी राधाकृष्ण मंदिर में लौटेगी. वहां रामाश्रयी जी अर्थात माई एकादशी का महात्म्य बतलायेगी. उपरांत महाआरती होगी. प्रसादी होगी. (समाप्त )

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