प्रतिनिधि/दि.२०
अमरावती– कोरोना महामारी की वजह से राज्य में रापनि के आय स्त्रोत में अपेक्षानुरुप बढोत्तरी नहीं हो रही है. अंर्तराजीय यातायात को अनुमति नहीं दी गई है. बस फेरियां नहीं दौडने से कर्मचारी घर में बैठे हुए है. जिसके चलते राज्य परिवहन महामंडल के महाप्रबंधक ने अमरावती जिले के कर्मचारियों को २०-२० दिन की सख्त छूट्टीयों पर भेजने का फरमान निकाला है. सख्त छूट्टीयों पर भेजने का महामंडल का नियोजन क्या है. इसे लेकर अनेक शंकाएं भी निर्माण हुई है. अब तक जिले में ५०० कर्मचारियों को छूट्टी पर भेजा गया है. अमरावती जिले के परिवहन निगम ने लगभग ७ से साढे ७ हजार कर्मचारी है. इनमें सिपाही से लेकर क्लर्क, वाहन चालक, कंडेक्टर, टेक्रिशन विभाग के कामगारों से लेकर विभाग नियंत्रक का समावेश है. इनमें से ६ हजार कर्मचारियों को सख्त छूट्टीयों पर भेजा जा रहा है. हाल की घडी में अल्प बसेस चलायी जा रही है. लेकिन इन बस सेवाओं को बेहतर प्रतिसाद नहीं मिल रहा है. जिसके चलते रापनि को घाटा सहन करना पड रहा है. कर्मचारियों का वेतन आज नहीं तो कल देना ही पडेगा इसलिए उपाय के तौर पर माल ढुलाई शुरु की गई है. माल ढुलाई को बेहतर प्रतिसाद भी मिल रहा है. बावजूद इसके जिले के बस चालक, कंडेक्टर, टेक्रिशीयन विभाग के कर्मचारियोंं को २०-२० दिन की सख्त छूट्टीयों को भेजने का आदेश दिया गया है. ५० अथवा उससे ज्यादा उम्र के कर्मचारियों को २० दिन की अर्जित छूट्टीयां दी जाए, प्रतिबंधित क्षेत्र के कर्मचारियों को २० दिन की छूट्टीयां दी जाए, लिपिक, टंकलेकखकों को रोटेशन पद्धति से अर्जित या फिर मेडिकल लिव १०-१० दिन दी जाए के निर्देश दिए गए है.