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बिना लागत का शानदार व्यवसाय हुआ शुरू
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प्रति यात्री व प्रति ट्रीप किये जाते है पैसे वसूल
अमरावती/दि.26 – विगत तीन माह से राज्य परिवहन निगम को सरकारी सेवा में शामिल किये जाने की मांग को लेकर एसटी कर्मचारियों द्वारा हडताल की जा रही है. जिसे राज्य परिवहन निगम की सरकारी बस सेवा पूरी तरह से ठप्प है और आम यात्रियों को काफी तकलीफों का सामना करना पड रहा है. साथ ही खुद राज्य परिवहन निगम को अब तक काफी नुकसान हो चुका है. किंतु इस स्थिति का निजी यात्री वाहन चालकों को जबर्दस्त फायदा हो रहा है और अब कई निजी वाहन बस स्थानक के बिल्कुल पास खडे रहकर यात्री ढुलाई का काम कर रहे है. वहीं अब इन निजी वाहनों को यात्री उपलब्ध करवानेवाले दलाल भी सक्रिय हो गये है, जो बस स्थानक परिसर के आसपास अपना अड्डा जमाये रहते है तथा यहां आनेवाले यात्रियों को निजी वाहनों तक पहुंचाते है.
प्रत्येक वाहन चालक द्वारा प्रत्येक ट्रीप या प्रत्येक यात्री के लिए इन एजेंटों को एक निश्चित रकम देनी होती है. ऐसे में इन एजेंटों की दिनभर के दौरान अच्छी-खासी कमाई हो जाती है. ऐसे में बिना लागतवाले इस व्यवसाय में अब कई लोग हाथ आजमा रहे है तथा इन एजेंटों ने यहां पर अपना पूरा रैकेट ही बना रखा है, जो प्रत्येक वाहन से हर ट्रीप के लिए अनिवार्य तौर पर पैसा लेते ही हैं. किंतु इसकी ओर आरटीओ प्रशासन, पुलिस प्रशासन व रापनि आगार प्रमुख का कोई ध्यान नहीं है. वहीं इस सबके चक्कर में आम यात्रियों को पहले की तुलना में अधिक किराया अदा करते हुए यात्रा करनी पड रही है. जिससे उन्हें भी अतिरिक्त आर्थिक बोझ व नुकसान का सामना करना पड रहा है.
यात्रियों में हैं हडताल को लेकर नाराजगी
रापनि कर्मियों की हडताल की वजह से आम यात्रियों को जहां एक ओर काफी आर्थिक समस्या व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है, वहीं वे निजी यात्री वाहनों में अतिरिक्त किराया देते हुए यात्रा करने पर मजबूर है. ऐसे में अब आम यात्रियों में रापनि कर्मियों की हडताल को लेकर काफी हद तक गुस्सा और नाराजगी व्याप्त है. आम यात्रियों का मानना है कि, रापनि कर्मियों द्वारा नाहक ही अपनी हडताल को इतना लंबा खींचा जा रहा है. जिससे आम यात्रियों सहित रापनि को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड रहा है.
अधिक से अधिक यात्री हासिल करने प्रतिस्पर्धा
इन दिनों स्थानीय बस स्थानक सहित पंचवटी चौराहे पर काम करनेवाले निजी एजेंटों में अधिक से अधिक यात्री प्राप्त करने की मानों प्रतिस्पर्धा मची रहती है और वे अलग-अलग गांवों के नाम का पुकारा लगाते हुए दिनभर यात्री ढूंढते रहते है. साथ ही यात्री मिल जाने पर उसे निजी वाहनों तक पहुंचाते है. चूंकि इस समय रापनि बसें बंद है. ऐसे में यात्रियोें के पास भी निजी वाहनों के जरिये ही यात्रा करने का पर्याय है. ऐसे में कई वाहन चालकों ने इन दिनों यात्री ढुलाई का ही काम शुरू किया है और एजेेंटों के जरिये यात्री उपलब्ध होने की वजह से उन्हेें भी काफी सुविधा हो जाती है.
- बस स्थानक परिसर से निजी वाहन चालकों द्वारा एजेंटों के जरिये यात्री ले जाने की कोई शिकायत सामने आने पर अथवा ऐसी कोई बात ध्यान में आने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
– श्रीकांत गभने,
विभाग नियंत्रक, अमरावती - इस समय एसटी कर्मचारियों की हडताल की वजह से सरकारी बस सेवा बंद है. अत: निजी वाहनों द्वारा यात्री ढुलाई को कुछ हद तक अनुमति दी गई है. किंतु यदि निजी वाहनों द्वारा तय क्षमता से अधिक यात्रियों की ढुलाई की जाती है, या नियमों का उल्लंघन किया जाता है, तो निश्चित तौर पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
– रामभाउ गीते,
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी