* पूजा पाठ के नाम पर महिलाओं पर अत्याचार
* पूरे जिले में मची खलबली
दर्यापुर/दि.8- तहसील के कुकसा में संतान करवाने के नाम पर पूजा पाठ का बहाना कर महिला पर अत्याचार करने के भयंकर प्रकरण का खुलासा हुआ है. एक ढोंगी बाबा ने संतान की आंस में उसके पास आयी महिला को नदी किनारे ले जाकर अत्याचार किया. महिला और उसके पति ने साहस दिखाया. पुलिस में शिकायत दी. थानेदार ने तत्काल कार्रवाई कर आरोपी कथित बाबा संतोष गजानन बावने को गिरफ्तार किया. आरोपी का रिमांड लिया जा रहा है. घटना उजागर होते ही पूरे जिले में सनसनी मची है. उधर उपविभागीय अधिकारी गुरुनाथ नायडू ने कहा कि तत्काल कार्रवाई की गई. ऐसी कोई भी पीड़िता बेखौफ होकर शिकायत करें. पुलिस अवश्य और कड़ी कार्रवाई करेगी.
* 70 हजार ऐंठे
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पीड़िता अपने पति के साथ ढोंगी बाबा के पास गई थी. उसे संतान की चाह थी. आरोपी संतोष बावने ने उनसे पूजा करवाने की बात कहकर 70 हजार रुपए ऐंठे. घर में पूजा पाठ करवाने के बाद उसका उतारा करने नदी किनारे ले गया. वहां पति-पत्नी साथ थे तब बावने ने पूजा की सामग्री घर पर भूल जाने का बहाना किया. पीड़िता के पति को घर भेजा. फिर मौका देखकर रेप किया.
* पीड़िता ने बताई हकीकत
अपनेआप को ढोंगी, कामपिपासू बाबा से किसी तरह छुड़ाकर पीड़िता भागी. उसने पति के पास पहुंचकर अपने साथ हुई हकीकत बयां की. जिस पर दोनों ने निर्णय कर ढोंगी बाबा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी. दर्यापुर पुलिस ने पीड़िता की आपबीती सुनी और विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर थानेदार संतोष टाले के पथक ने दो घंटे के अंदर आरोपी संतोष बावने को दबोच लिया. उसके विरुद्ध भादवि धारा 376 (1), महाराष्ट्र नरबलि व जादूटोना प्रतिबंधक अधिनियम 2013 की धारा 3 (2) (5), 3 (2) (वीए), 3 (1), (डब्ल्यु आय) और अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार विरोधी कानून 2015 संशोधित की धारा के तहत अपराध दर्ज किया गया है. आरोपी को आज कोर्ट में प्रस्तुत कर उसका कस्टडी रिमांड लिया जा रहा है.
* पूर्णिमा को घर पर भीड़
बताया गया कि आरोपी संतोष बावने ने खुद में सवारी आने और उसके आशीर्वाद से उन दंपत्तियों को संतान होेने का दावा किया. जिन्हें विवाह के अनेक वर्षों बाद भी संतान नहीं हो रही थी, वह घर पर पूजा पाठ करवाता. विशेषकर, पूर्णिमा को उसके यहां भीड़ होती. भोली महिला श्रद्धालु बड़ी संख्या मेंं जमा होती. कुछ दंपत्ति को संतान हो जाने से भोंदू बाबा की ख्याति बढ़ गई थी और उसके यहां आने वालों की संख्या भी.