बारिश के विलंब के कारण तेजी से घट रहा जलस्तर
अमरावती / दि. 24-मानसून ने अब तक दस्तक नहीं दी. भीषण गर्मी ने सभी को हलाकान कर दिया है. तपिश के कारण प्रकल्पों का जलस्तर भी तेजी से घटने लगा है. इसके अलावा 20 से ज्यादा लघुप्रकल्प सूखे पडे है. अगर ऐसी ही स्थिति रही तो कुछ क्षेत्र में भीषण जलसंकट गहराने की संभावना है. पिछले साल सभी तहसील में औसतन से अधिक बारिश हुई. इसके अलावा प्रकल्प लाभक्षेत्र में कई बार अतिवृष्टि होने से सभी प्रकल्प लबालब हुए थे. जिससे रबी की फसलों को भी सिंचाई की पारियां दी गई. इसके बाद मार्च महिने से गर्मी ने अपना असर दिखाने से प्रकल्पों का जलस्तर तेजी से कम हो गया है. वर्तमान स्थिति में जिले का सबसे बडा प्रकल्प रहने वाले उर्ध्व वर्धा प्रकल्प में 236 दलघमी जलसंग्रह है.
* उर्ध्व वर्धा में केवल 41 प्रतिशत जलसंग्रह
अमरावती-बडनेराशहर को जलापूर्ति करने वाले अपर वर्धा प्रकल्प में वर्तमान में 236.38 दलघमी यानि प्रकल्प संचयन स्तर के 41 प्रतिशत जलसंग्रह उपलब्ध है.
* निजी 83 कुओं का अधिग्रहण
जलसंकट पर अस्थायी उपाय योजना के तौर पर जलसंकट निर्माण होने वाले गांवों के लिए निजी 83 कुंओं का अधिग्रहण किया गया है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न 209 प्रकार की उपाय योजनाएं की जा रही है.
* मार्च के बाद टैंकरों की संख्या बढाई
वर्तमानस्थिति में मेलघाट के चिखलदरा तहसील में 13 गांव और चांदुर रेल्वे तहसील के सावंगी मग्रापुर गांव में ऐसे कुल 14 गांव में टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है. मार्च के बाद टैंकरों की संख्या बढाई गई है.
* 800 उपाय योजना प्रस्तावित की गई थी
जिले में जलसंकट से निपटने के लिए प्रारूप में 800 उपाय योजना प्रस्तावित की गई थी. इनमें से 209 उपाय योजनाओं को मंजूरी दी गई. जिसमें 149 उपाय योजना पूरी गई है तथा 156 उपाय योजनाओं के काम प्रगति पथ पर है, ऐसी जानकारी प्रशासन ने दी है.
प्रकल्पनिहाय जलसंग्रह (दलघमी)
प्रकल्प कुल क्षमता संग्रह प्रतिशत
उर्ध्व वर्धा 564.05 236.68 41.96
शहानुर 46.04 17.11 37.16
चंद्रभागा 41.25 23.13 56.07
पूर्णा 35.37 7.80 22.04
सपन 38.60 17.36 44.97
पंढरी 56.41 12.46 22.09