विलिनीकरण की मांग को लेकर रापनि कर्मियों की हडताल जारी
तीन दिनों में 62 हडताली कर्मचारी बर्खास्त
अमरावती/ दि.31– पिछले डेढ महिनों से विलिनीकरण की मांग को लेकर रापनि कर्मचारियों की हडताल जारी है. जिसमें हडताली कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई करने की मुहिम एसटी महामंडल व्दारा शुरु कर दी गई है. पिछले तीन दिनों में 62 हडताली कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. मंगलवार 28 दिसंबर से एसटी महामंडल व्दारा कार्रवाई की शुरुआत की गई. जिसमें पहले दिन 21 कर्मचारी दूसरे दिन 29 दिसंबर को 35 तथा गुरुवार 30 दिसंबर को 8 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया. जबकि 400 से अधिक हडताली कर्मचारियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया.
विलीनीकरण की मांग को लेकर पिछले डेढ महीने से अधिक समय से रापनि कर्मी हडताल पर है. जिसके चलते राज्य परिवहन निगम को करोडों रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड रहा है वहीं यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड रहा है. खासकर ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों तथा विद्यार्थियों को व जेष्ठ नागरिकों को काफी परेशानी उठानी पड रही है. बसों की फेरिया बंद होने की वजह से निजी वाहनचालकों को यातायात की अनुमति दी गई जिसमें निजी वाहन चालक भी यात्रियों से मनमाना किराया वसूल कर रहे है.
रापनि कर्मियों के वेतन में राज्य सरकार व्दारा वृद्धी कर दी गई है ताकि सभी हडताली कर्मचारी काम पर लौट सके किंतु रापनि कर्मी अब भी विलय की मांग को लेकर अडे हुए है और वे बढाए गए वेतन से संतुष्ट नहीं है जिसके चलते अब सरकार व्दारा इन हडताली कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की शुरुआत कर दी गई है. हडताल में जिले के 2 हजार से अधिक कर्मचारी शामिल है. जिसमें 62 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया और 400 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है.
गुरुवार को 8 हडताली कर्मी बर्खास्त
हडताली कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाने की शुरुआत कर दी गई है. गुरुवार को 8 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. जिसमें पांच कंडेक्टर और तीन ड्रॉयवरों का समावेश है. मंगलवार से शुरु की गई कार्रवाई में अब तक 62 कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है और 400 को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. यदि कर्मचारी अब भी हडताल जारी रखते है तो बर्खास्त कर्मियों की संख्या बढने की संभावना है.
– श्रीकांत गभणे, विभागीय नियंत्रक
सरकार कोई भी कार्रवाई करे एसटी कर्मचारी नहीं डरेंगे
सरकार कोई भी कार्रवाई करे एसटी कर्मचारी डरने वाले नहीं है. यह तय था कि हडताल में शामिल सभी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. किंतु एसटी कर्मचारियों का विलय हमारे भविष्य का सवाल है. इसलिए सरकार कार्रवाई कर डराने, धमाने की कितनी भी कोशिश करे कर्मचारी नहीं डरेंगे. बिना विलय के हडताल समाप्त नहीं की जाएगी.
– सतीश कडू, हडताली एसटी कर्मी