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अनजान के लिए दुर्लभ खून उपलब्ध किया

भारत में केवल 180 लोगों का है यह समूह

* जिला अस्पताल इर्विन के चिकित्सकों की मानवता
* नागपुर से 2 यूनिट बॉम्बे ब्लड कल लाया जाएगा
अमरावती/दि.13 – मानवता की अद्भूत मिसाल जिला सामान्य अस्पताल में गाहे-बगाहे देखने-सुनने मिलती है. ताजा उदाहरण कुंड सर्जापुर के एक बुजुर्ग रुग्ण के लिए समस्त भारत में दुर्लभ बॉम्बे ब्लड ग्रुप के लिए चिकित्सक और सहयोगियों की कोशिशों से मिला है. इसके लिए जिला अस्पताल में पीआरओ मिलिंद तायडे से लेकर प्रभारी शल्य चिकित्सक डॉ. निरवाने ने भी प्रयत्नों की पराकाष्ठा की. वरिष्ठ नागरिक के अब स्वास्थ्य लाभ की कामना बढ गई है.
* 9 दिसंबर से भर्ती
जिला अस्पताल की रक्तपेढी के इंचार्ज डॉ. आशीष वाघमारे ने अमरावती मंडल को बताया कि, 60 बरस के रमेश धर्माले अत्यंत कमजोर हो गये. उन्हें किसी व्यक्ति ने गत 9 दिसंबर को जिला अस्पताल में दाखिल किया. चिकित्सकों ने उपचार शुरु किया. हीमोग्लोबिन केवल 3.2 पाया गया. जिससे रक्त चढाने की सोची गई. किंतु धर्माले का रक्त समूह विविध रक्त के नमूनों से जांच करने पर भी मैच नहीं हो रहा था.
* बॉम्बे ब्लड ग्रुप निकला
डॉ. वाघमारे ने बताया कि, प्रभारी शल्य चिकित्सक डॉ. निरवाने से सलाह की गई. जांच करने पर पता चला कि, धर्माले का रक्त समूह समस्त भारत में अत्यंत दुर्लभ बॉम्बे ब्लड ग्रुप का है. जिससे पहले तो चिकित्सक भी घबरा गये. देशभर में इस रक्त समूह के रिकॉर्ड पर केवल 180 डोनर है. ऐसे में मुंबई और नागपुर सहित अन्य शहरों में कॉल लगाई गई.
* नागपुर में 2 डोनर मिले
इर्विन के पीआरओ मिलिंद तायडे ने बताया कि, दो दिनों तक फोनाफानी करने के बाद नागपुर जिले में दो डोनर मिले. उनमें हरिश चव्हाण और आशीष बुरबांडे है. यह दोनों ही डोनर अमरावती नहीं आ सकते. इसलिए नागपुर के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में जाकर वे अपना अत्यंत दुर्लभ खून उनके लिए बिल्कुल अनजान अमरावती के शख्स हेतु डोनेट कर रहे हैं. तायडे ने बताया कि, वहां रक्तपेढी में उपरोक्त खून कलेक्ट किया जाएगा. उपरांत उसकी मापदंडों के अनुसार संपूर्ण जांच होगी. तक जाकर कल शनिवार को वह रक्त उपलब्ध होगा. जिला अस्पताल से विशेष वाहन भेजकर रक्त अमरावती लाकर रमेश धर्माले को चढाया जाएगा.
* जिला अस्पताल मेें मानवता
आम तौर पर सरकारी अस्पतालों में मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार और उपचार न होने की बातें की जाती है. किंतु अमरावती के इर्विन अस्पताल ने दर्शा दिया कि, वे अपने यहां दाखिल रुग्ण की कितनी परवाह करते हैं. डॉ. वाघमारे ने बताया कि, बॉम्बे ब्लड ग्रुप सुनते ही सभी घबरा गये थे. फिर पुणे के विक्रम यादव से संपर्क करने पर उन्होंने अमरावती और नागपुर के आसपास के इस अत्यंत दुर्लभ रक्त समूह के डोनर रहने की जानकारी दी. जिसके बाद जिला अस्पताल में चिकित्सकों और सहायकों ने बडी तत्परता दिखाई.
* प्रेम गायगोले भी दुर्लभ रक्त समूह वाले!
अमरावती के पास लोणी में भी एक युवा डोनर उपरोक्त दुर्लभ ब्लड ग्रुप वाले रहने की जानकारी मिलने पर उन्हें आनन-फानन में खोजकर लाया गया. उनका नाम प्रेम गायगोले है. वे रमेश धर्माले के लिए तुरंत आवश्यक होने पर अपना रक्त देने के लिए तैयार हो गये थे.

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