खिरगव्हाण ग्रापं के बाग में दिखाई दिया दुर्लभ ‘सोनपाखरू’
अंजनगांव सुर्जी/दि. २६-राज्य सरपंच संगठन के अध्यक्ष पुरूषोत्तम घोगरे को उनके गांव खिरगव्हाण ग्रामपंचायत के बाग में बहीण नाम का मोरपंखी कीट दिखाई दिया. यह गांव अंजनगांव दर्यापुर महामार्ग पर कुंभारगांव फाटे के विपरित दिशा में एक किमी दूरी पर है. इस गांव में रंग बदला हुआ कीटक दिखाई दिया है. यह कीटक सोनपाखरू होने का कीटकशास्त्रों ने पंजीकृत किया है.
भिंग नाम का कीटक अधिकांश रूप में प्रसिध्द हिवर/बाभली के पेड़ पर दिखाई देनेवाला यह कीटक पुरानी पीढी के बालको का खिलौना था. माचिस की खाली डिब्बी में भरकर उसे पाला जाता था. धागा बांधकर उसे उड़ाया जाता था. उसे अंडे देते देखकर बच्चे हैरत में पड जाते थे. हाल ही यह दिखनेवाला कीटक उसका हरा सिर, कत्था शरीर यह स्वरूप बदलकर तहसील के खिरगव्हाण ग्राम पंचायत के बाग में मोरपंखी रंग में दिखाई दिया. कीटनाशको बेशुमार उपयोग इस सुंदर व निरूपद्रवी कीटको को मारनेवाले के कारण वे स्वयं में बदल कर अपना अस्तित्व रखने का दिखाई दे रहा है, ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है.
एक कीटक की अनेक प्रजाति रहती है. यह जनुकीय बदल न होकर इस भिंग कीटक की अलग प्रजाति का ही रूप है. उन्हें ग्रामीण क्षेत्र मेें उनका आकर्षक रंग के कारण सोनपाखरू ऐसा कहा जाता है. इस प्रजाति का अभ्यास बेंगलोर विद्यापीठ में सखोल तरीके से किया जाता है.
नंदकिशोर लव्हे,
ज्येष्ठ कीटकशास्त्रज्ञ, नागपुर