शहर में सामुदायिक पटाखे उड़ाने की जगहों की ओर दुर्लक्ष
महानगरपालिका के आवाहन को प्रतिसाद नहीं
अमरावती/दि.6 – महानगरपालिका ने शहर के सोलह खुली जगहों पर पटाखे उड़ाने का आवाहन शहरवासियों से किया लेकिन इस जगह की ओर दुर्लक्ष कर नागरिकों ने लक्ष्मीपूजन के बाद घर के सामने ही पटाखे उड़ाए. गत वर्ष कोविड निर्बंध के कारण दीपावली उत्सव पर मर्यादा थी, लेकिन इस बार नागरिकों ने जोरदार आतीषबाजी कर अनुशेष पूर्ण करने का चित्र गुरुवार की रात दिखाई दिया.
सर्वोच्च न्यायालय ने पटाखे खरीदी, बिक्री व आतीषबाजी करने के लिए मार्गदर्शक सूचना निर्गमित की है. मनपा क्षेत्र में वायु प्रदूषण का दुष्परिणाम, स्वच्छ हवा में सांस लेने के मानवी हक को ध्यान में रखते हुए वयक्तिक रुप से पटाखे फोडने की बजाय सामुदायिक पटाखे उड़ाने का आवाहन महानगरपालिका व्दारा किया गया था. इसके लिए जगह का चयन भी किया गया था.
झोन क्र. 1 के वाघमारे चौक, नवसारी के पास, स्पोर्ट कॉम्प्लेक्स, बजरंग नगर मैदान, संतोषी नगर मैदान, जय सीयारामनगर मैदान, कृष्णा नगर, झोन क्र. 2 अंतर्गत दसरा मैदान व अंबिकानगर ओपन स्पेस, झोन क्र. 3 अंतर्गत छत्री तालाब उद्यान परिसर का मैदान, कलोती नगर खुली जगह, झोन क्र. 4 अंतर्गत सावता मैदान, जुनी बस्ती, बडनेरा, झोन क्र. 5 अंतर्गत भाजीबाजार कार्यालय के सामने की खुली जगह, आनंदनगर चौक पुल के पास, आदिवासी वसतिगृह के सामने खुली जगह, वल्लभनगर इन जगहों का सामुदायिक पटाखे उड़ाने के लिए चयन किया गया था. लेकिन कुछ पर्यावरण प्रेमी नागरिकों के अतिरिक्त कोई भी अधिकांश स्थानों पर नहीं आये.
राष्ट्रीय हरीत न्यायाधीकरण के आदेशानुसार हवा की गुणवत्ता कम होने से शहर में पटाखे की बिक्री व इस्तेमाल पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है.
दीपावली त्यौहार के समय रात 8 से 10 बजे तक पटाखे उड़ाने की अनुमति होगी,यह आदेश भी दिए गए थे. अमरावती शहर का समावेश समाधानकारक इस प्रवर्ग में होने के कारण शहर में रात 8 से 10 बजे के बीच हरीत पटाखों का इस्तेमाल करने की अनुमति है. इसके अतिरिक्त समय में पटाखों का इस्तेमाल करने पर कानूनन कार्रवाई करने की चेतावनी महानगरपालिका की ओर से दी गई थी. लेकिन इस ओर भी नागरिकों ने दुर्लक्ष किया. देर रात तक पटाखों की आवाज सुनाई दे रही थी.
दीपावली यह दीयों व प्रकाश का उत्सव माना जाता है. इस उत्सव के दरमियान प्रति वर्ष बड़े पैमाने पर पटाखों की आतीषबाजी की जाती है. इस कारण वायु ध्वनि प्रदूषण का स्तर बढ़कर जन सामान्यों का व प्राणियों के स्वास्थ्य पर होने वाला विपरित परिणाम दीपावली उत्सव के बाद काफी दिनों तक दिखाई देता है. कोरोना से पीड़ितों व या जिन्हें कोरोना हो चुका हो, ऐसे नागरिकों को पटाखों के धुएं से वायु प्रदूषण की तकलीफ होने का भय है. इस बात को ध्यान में रखते हुए नागरिकों ने इस वर्ष पटाखे न फोड़ने की बजाय दीयों की रोशनाई कर उत्सव मनाये. त्यौहार के दरमियान पटाखों का इस्तेमाल न करते हुए अपना परिसर व पर्यावरण स्वच्छ रखने में सहयोग करें. वहीं अन्यों को अपने पटाखों से तकलीफ न हो, इस ओर ध्यान देने का आवाहन मनपा व्दारा किया गया था. लेकिन इस आवाहन की ओर दुर्लक्ष कर नागरिकों ने दीपावली का त्यौहार मनाया.