* पंडालों, मैदानों की साजसज्जा आरंभ
* देवी भक्तों में अपार उत्साह का अनुमान
* बढेगा खास कपडों और गहनों का कारोबार
अमरावती/दि.14 – दहीहांडी और गणेशोत्सव की जबर्दस्त धूमधाम और उत्साहपूर्ण आयोजन के बाद अब शारदीय नवरात्री उत्सव के लिए देवी के शहर के रुप में विख्यात अंबानगरी सज संवर रही हैं. 2 वर्ष कोरोना पाबंदियों से बेजार रहे रास-गरबा प्रेमियों का तो इस बार उत्साह उफान पर नजर आ रहा हैं. अभी से नगर मेें 2 दर्जन से अधिक स्थानों पर गरबा-रास के आयोजन की भव्य तैयारी आरंभ हो गई हैं. महिलाएं भी सजे संवरने के साजो सामान की खरीददारी में व्यस्त हो गई, तो दूसरी ओर अंबादेवी और एकवीरा देवी जैसे संस्थान नवरात्रोत्सव के लिए तैयार हो गये हैं. इस बार मेला भी सजने वाला हैं. मनपा ने डेढ सौ से अधिक दुकानों को अनुमति दी है, तो दूसरी ओर नगर के व्यापारी और स्टॉल धारक भी नवरात्री की ग्राहकी हेतु तैयारी कर रहे हैं.
* इन स्थानों पर सजेंगा गरबा-रास
नवरात्री में गरबा-रास की बडी महत्ता मानी जाती हैं. मैदान के बीच माता रानी की तस्वीर-प्रतिमा रखकर उसकी आराधना का एक स्वरुप गरबा-रास को माना जाता हैं. अंबानगरी में समय के साथ-साथ रास-गरबा प्रेमियों की बहुतायत हुई हैं. सभी जाति वर्ग के लोग गरबा-रास में उत्साह और श्रद्धा से सहभागी होते आये हैं. इसीलिए नगर में पुरातन पारंपारिक बस्तियों के साथ-साथ नये बसें नगरों-कालोनी में भी गरबा-रास का आयोजन हो रहा हैं. कालाराम मंदिर सराफा परिसर में सक्करसाथ गुजराती नवरात्री महोत्सव मंडल, भक्तिधाम में जलाराम सत्संग मंडल, रेल्वे स्टेशन चौक पर गुजराती मंडल, उजंबावाडी अंबापेठ में सोरठिया समाज, एकनाथपुरम शंकर नगर में दिनेश भाई सेठिया और मित्र मंडली, कैम्प गर्ल्स हाईस्कूल चौक में जीवन-मनभरी द्बारा, होटल महफिल में सागर भट्टी और साथी, गोपाल नगर के पास, वाईट हाउस में रोटरी क्लब द्बारा और पन्नालाल नगर में मिलिंद बांबल तथा साथियों द्बारा गरबा-रास का आयोजन होने जा रहा हैं. मानसरोवर लॉन में भी गरबा-रास के लिए तैयारी शुरु रहने की जानकारी हैं.
* 26 सितंबर से जगमग होगी रात्रि
नवरात्री के दौरान भक्तिभाव के साथ शक्ति की आराधना होती हैं. साधना का ही एक स्वरुप गरबा-रास माना जाता हैं. इसलिए 26 सितंबर से नवरात्री दौरान देर रात तक गरबा-रास के माध्यम से देवी की पूजा, प्रार्थना, अर्चना होगी. जिससे रातें जगमग हो जाएगी. नगर के अनेक भागों में गरबा-रास होने और एक स्थान से दूसरे स्थान पर गरबा प्रेमियों के आने-जाने से भी चहल-पहल का चित्र होगा. गरबा-रास के मंडलों के पास खानपान के स्टॉल भी सजते और देर रात तक ग्राहकी करते हैं. वे लोग भी अभी से नवरात्री की तैयारी में जुटे हैं.
* बडे प्रमाण में तैयारी
कोरोना की पाबंदियों के कारण 2 वर्ष रास-गरबा के प्रेमी मन मसोसकर रह गये थे. इस बार शिंदे-फडणवीस सरकार ने सभी पाबंदियों से मुक्ति देने तथा धूम से उत्सव मनाने की अनुमति दे दी हैं. इस वजह से नवरात्रोत्सव के साथ-साथ दुर्गोत्सव की जोरदार तैयारी चहूंओर चल रही हैं. मैदानों में पंडाल आच्छादन और साजसज्जा शुरु हो गई हैं. ऐसे ही गरबा प्रेमियों ने देर रात्रि तक गरबा-रास की अनुमति शासन-प्रशासन से मांगी हैं.
* खास पहनावे, गहनों की खरीददारी
गरबा-रास के लिए युवक-युवतियां सजधजकर सहभागी होते है, आनंद लेते हैं. इसके लिए सभी 9 रात्रि के लिए अलग-अलग पोशाख और ऑक्सिडाईज ज्वेलरी आदि की खरीददारी हो रही हैं. इससे कपडा कारोबार को श्राद्धपक्ष में भी थोडी ग्राहकी का अंदाजा हैं. नवरात्रि के दिन नजदीक आने पर ग्राहकी बढेगी. इन दिनों ऑनलाइन ग्राहकी भी होती हैं. इसलिए समाज माध्यम पर गरबा की विशेष मनीयारी ड्रेस और आभूषणों के चित्रों का खूब आदान-प्रदान हो रहा हैं.
* दुर्गोत्सव पंडाल की सजावट आरंभ
शारदीय नवरात्री में मां दुर्गा की पूजा अर्चना के लिए विविध मंडलों ने पंडालों की साजसज्जा आरंभ कर दी हैं. शहर में सैकडों पंडाल सजते हैं. जिनमें रायली प्लॉट, सराफा सार्वजनिक, वीर प्रताप, पंचदीप, तुलजाभवानी, हमालपुरा आदि अनेक मंडल हैं. जहां दुर्गोत्सव की जबर्दस्त चमक-दमक और धूम रहती हैं. यहां पंडाल लगने आरंभ हो गये हैं. झांकियों की विषय वस्तु तय कर उन्हें सजाने की कोशिश शुरु हुई हैं. कई जगह तकनीक का सहारा लेकर चलित झांकियां सजाई जाती हैं. रोजाना हजारों की संख्या में भाविक दर्शन के लिए उमडते हैं.
* अंबा और एकवीरा के साथ कालीमाता मंदिर में तैयारियां
मां अंबा के पौराणिक भव्य मंदिर के साथ एकवीरा देवी संस्थान तथा हिंदूस्मशान के पीछे स्थित कालीमाता मंदिर में भी नवरात्री की तैयारी शुरु हो गई हैं. इन सभी मंदिरों में लाखों की संख्या में स्त्री-पुरुष, श्रद्धालु नवरात्री में दर्शन के लिए आते हैं. दोनों ही संस्थान में भक्तों के सुविधापूर्ण दर्शन-पूजन की व्यवस्था की हैं. देवालय को सुंदर ढंग से सजाया जा रहा हैं. देवी के पौराणिक आभूषणों और वस्तुओं को भी पॉलिश और सजाकर अर्पित करने की तैयारी शुरु हैं. नगर में अनेक शीतलामाता मंदिर, संतोषी माता और देवी के मंदिरों में भी शारदीय दुर्गोत्सव की तैयारी देखी गई.
* 3 रात्रि 12 बजे तक अनुमति
राज्य सरकार ने अष्टमी और नवमी के अलावा एक और रात्रि को रात 12 बजे तक गरबा रास आराधना की अनुमति दी हैं. तथापि गरबा पे्रमियों ने इस बार पडौसी गुजरात प्रांत की तरह 26 सितंबर से 4 अक्तूबर तक सभी 9 दिन रात 12 बजे तक अनुमति की इच्छा और मांग व्यक्त की हैं. राज्य सरकार इस बारे में अपना निर्णय शीघ्र घोषित करेगी.
* सजेगा मेला, 150 स्टॉल
2 वर्ष उपरान्त मनपा ने गांधी चौक से राजकमल चौक के बीच सडक के दोनों ओर दूकानों की अनुमति दी हैं. इसका टेंडर जारी हो गया हैं. जिसके लिए 150 से अधिक स्टॉल लगाये जाएंगे. देखा जाये, तो 200 से अधिक दूकानें सजती हैं. अंबादेवी का मेला इसे कहा जाता हैं. मेले के दौरान रोजाना लाखों भाविक देवी अंबा और एकवीरा के अलौकिक दर्शन हेतु आते हैं. मेले के दूकानदारों की इन्हीं भाविकों से कारोबार की उम्मीद रहती हैं. दूकानदारों ने दूर देश से माल मंगाना आरंभ कर दिया हैं.