देवी अहिल्या के चरित्र का पारायण है राष्ट्रसमर्था
आचार्य जीतेंद्रनाथ महाराज का प्रतिपादन
* सांस्कृतिक भवन में हुआ महानाट्य का मंचन
* विश्व मांगल्य सभा व एम3एम फाउंडेशन का आयोजन सार्थक
अमरावती /दि. 4– पूरे भारतवर्ष में पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर की 300 वीं जयंती उत्साह के साथ मनाई जा रही है. दूसरी ओर प्रयागराज में 144 साल बाद महाकुंभ का योग आया है. जिसमें गंगा, यमुना व सरस्वती इन तीन नदियों का संगम और उसमें डुबकी लगाने का अवसर मिल रहा है. यह संगम 3 नदियों का नहीं, बल्कि 300 धाराओं का संगम है. जिसके माध्यम से हमें महापुरुषों तथा योद्धाओं के जीवन चरित्र का पारायण करने का मौका मिल रहा है. जिसमें पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर का भी समावेश है, यह आशीर्वचन अंजनगांव सुर्जी श्रीक्षेत्र अंजनी ग्राम श्री देवनाथ मठ के श्रीनाथ पीठाधीश्वर 1008 आचार्य स्वामी जीतेंद्रनाथ महाराज ने दिया.
स्थानीय संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में सोमवार शाम पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई होलकर की त्रिजन्मशताब्दी जन्मोत्सव निमित्त विश्व मांगल्य सभा व एम3एम फाउंडेशन द्वारा ‘राष्ट्र समर्था देवी अहिल्या की पुण्यगाथा’ महानाट्य प्रस्तुत किया गया. इस अवसर पर वे बोल रहे थे. कार्यक्रम में जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीता मोहपात्रा, विश्व मांगल्य सभा की राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. वृषाली जोशी, विदर्भ प्रांत अध्यक्षा मधुरा लेंधे, विदर्भ प्रांत उपाध्यक्ष रश्मि जाजोदिया, महानगर प्रमुख डॉ. श्वेता पांडे आदि प्रमुखता से उपस्थित थे.
अंजनगांव सुर्जी के देवनाथ मठ के पीठाधीश्वर 1008 आचार्य स्वामी जीतेंद्रनाथ महाराज ने कहा कि, पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर ईश्वर की प्रेरणा हैं. इस प्रेरणा में हमें कई वीर माताओं की प्रतिमा नजर आती है. जिन्होंने अपने जीवनकाल में शौर्य का समाज के सामने उस समय प्रतीक रखने का प्रयास किया था. समाज में मां जिजाऊ की भांती पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर का भी नाम लिया जाता है. देव, देश, धर्म के कार्य की प्रेरणा हमेशा जलती रहनी चाहिए. यह महानाट्य इस प्रेरणा को जीवित रखने का प्रयास कर हमें सभी रानियों के जीवन चरित्र का पारायण कर चिंतन करने का अवसर प्रदान कर रहा है. साथ ही हमें इसके लिए खुद को भाग्यशाली मानना चाहिए.
लेखिका व विश्व मांगल्य सभा की राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. वृषाली जोशी ने कहा कि, इस दो घंटे की महानाटिका को लिखना अत्यंत जटिल कार्य था. लेकिन पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी की 300 वीं जयंती उपलक्ष्य संपूर्ण भारत में महानाटक प्रेरणादायी होगा. जिसे सभी देखकर उसका आनंद लेने का आवाहन उन्होंने किया. कार्यक्रम का प्रारंभ दीप जलाकर और अहिल्यादेवी की प्रतिमा पूजन के साथ हुआ. अतिथियों का स्वागत, सत्कार किया गया. करीना थापा को भी गौरवान्वित किया गया.
नागपुर-मुंबई के 45 कलाकारों ने महानाटक के माध्यम से पुण्यश्लोक होलकर की जीवनी प्रस्तुत की. सभी का अभिनय एवं संवाद इतने तगडे थे कि, मानों सबकुछ उनकी आंखों के सामने हुआ है. नाटिका को दिखलाने अनेक लोगों ने अपने बालगोपालों को लाया था. सत्कार, स्वागत का संचालन सुनीता राठी ने किया. आभार प्रदर्शन नीलिमा राठी ने किया.