गुरूकुंज मोझरी/दि.२ – ग्राम गीता के प्रत्येक अध्याय में सभी शास्त्र व उपनिषध के सिध्दांत पाए गये है. जिसके चलते ग्राम गीता मेें भारतीय संस्कृति के दर्शन होते है.इस आशय का प्रतिपादन अखिल भारतीय श्री गुरूदेव सेवा मंडल की ओर से आयोजित राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के ५२वें पुण्यतिथि महोत्सव में बोल रहे थे.ऑनलाईन प्रवचन में संकेत काले ने कहा कि दर्शन यानी शास्त्र होता है और भारतीय संस्कृति में ६ शास्त्र है.राष्ट्रसंत की ग्राम गीता में ३६ वें अध्याय में जीवनकला में प्रकृति व पुरूषों का विचार किया गया. इस समय प्रचार प्रमुख दामोदर पाटिल ने सामुदायिकध्यान पर चिंतन व्यक्त किया व रात में शंकरराव इंगले का खंजेरी भजन व भास्कर विघे का कीर्तन हुआ.