* नागरिकों के स्वास्थ को खतरा
नांदगांव पेठ/दि.11– अत्याधुनिक विद्युत प्रकल्प रहने का दावा करते हुए नांदगांव पेठ एमआईडीसी में स्थित रतन इंडिया विद्युत प्रकल्प की राख हवा के तेज प्रवाह से वाघोली ग्राम के नागरिकों के घर में आती रहने से वरिष्ठ नागरिको सहित बालको के स्वास्थ को खतरा निर्माण हो गया है. सडक, खेती, वाहन और घर के प्रत्येक साहित्य पर हर दिन राखो के कण जमा होते रहने से वाघोलीवासी परेशान हो गए है. विशेष यानि प्रदूषण विभाग के कर्मचारी रतन इंडिया से जेब भरते रहने से अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. साथ ही रतन इंडिया को प्रदूषणमुक्त रहने का प्रमाणपत्र भी दिया है.
वर्तमान के रतन इंडिया व शुरुआत के सोफिया नाम से शुरु हुए इस प्रकल्प का शहरवासियों कडा विरोध किया था. आज जो स्थिति चंद्रपुर की है वही स्थिति भविष्य में शहरवासियों की और आसपास के गांवो की होनेवाली है. इसी दूरदृष्टि को सामने रख यहां आनेवाले इस प्रकल्प का कडा विरोध किया गया था. लेकिन पैसों के दम पर यह प्रकल्प नांदगांव पेठ में निर्मित किया गया. फायदेमंद रहे इस प्रकल्प में बिजली तैयार करते समय जो राख तैयार होती है, उस राख की अलग राजनीति है. लेकिन उडनेवाली राख के कारण आसपास के ग्रामवासियों को काफी परेशान होना पड रहा है. खेती का उत्पादन कम हुआ, घर की शोभा गई, घर का प्रांगण राखमय हुआ, छोटे बच्चे घर के बाहर नहीं निकल सकते, पूरा दिन वाघोली सहित आसपास के गांव में राख के कण के कारण सडके दिखाई नहीं देती, कोहरे जैसे राख के कण की चादर हमेशा फैली रहती है.
ऐसी बिकट परिस्थिती इस राख के कारण हो रही है. पर्यावरण और प्रदूषण विभाग शासन की नौकरी छोडकर रतन इंडिया की खातिरदारी करता हुआ दिखाई देता है. वाघोली के सरपंच, उपसरपंच और ग्रामवासियों ने अनेक बार जिलाधिकारी, प्रदूषण विभाग, पर्यावरण विभाग और रतन इंडिया के पास शिकायत की है. लेकिन इन शिकायतो का कोई हल निकल नहीं पाया है, ऐसा आरोप ग्रामवासियों ने किया है. रतन इंडिया की राख संपूर्ण जिले के नागरिको के लिए खतरनाक है. अब तक कोई भी विभाग इसको लेकर कार्रवाई करने सामने नहीं आया है. इस कारण कहीं ना कहीं अनियमितता हो रही है. लेकिन वरिष्ठ नागरिक, छोटे बच्चे और स्थानीय नागरिकों की जान से रतन इंडिया खिलवाड कर रहा है. इस पर प्रशासन द्वारा कडा निर्णय लेना आवश्यक है अन्यथा भविष्य में रतन इंडिया को नागरिको के रोष का सामना करना पडेगा, यह निश्चित माना जा रहा है.