अमरावती/दि.4- केंद्र सरकार व्दारा घरेलू गैस सिलेंडर एलपीजी में भले ही 200 रुपए की बडी राहत दी गई. किंतु दालों के दाम बेतहाशा बढने से गृहणियों के माथे पर चिंता की लकीरें आ गई है. उसी प्रकार किराना की अन्य सामग्री भी दिनों दिन महंगी होने से त्यौहारों के सीजन में गृहणियों का बजट बिगडने की शिकायत अनेक कर रही हैं. उधर तुअर पैदा करने वाले किसानों का कहना है कि तुअर के रेट थोडे सुधरे हैं जिससे किसान वर्ग का कुछ मात्रा में भला हो रहा है. इस बीच बाजार के जानकारों ने बताया कि, विदर्भ और मराठवाडा में अवर्षा की स्थिति तुअर तथा अन्य दालों के रेट बढने की वजह है. शीघ्र बारिश न आने पर तुअर दाल प्रति किलो 175 रुपए पार कर सकती है. अभी जन्माष्टमी, गणेशोत्सव के त्यौहार आ रहे हैं. जिससे थोक मार्केट में ग्राहकी बढी है.
उल्लेखनीय है कि इस बार मानसून विलंब से सक्रीय हुआ. जिसके बाद अगस्त का महीना गत अनेक दशकों की तुलना में सर्वाधिक सूखा रहा. इसके कारण फसलों की स्थिति बिगड रही है. विदर्भ और मराठवाडा में खासतौर से कपास के साथ तुअर की फसल का प्रचलन है. ऐसे में महीनाभर बारिश न होने से तुअर के रेट मंडी और फुटकर दोनों स्थानों पर बढ रहे हैं. मंडी में तुअर 12 हजार रुपए क्विंटल बिक रही है तो, चिल्लर मार्केट में तुअर दाल के भाव 150 रुपए पार कर जाने की जानकारी प्रसिद्ध किराना व्यवसायी महेश पांडे ने दी. उन्होंने बताया कि बारिश में और विलंब होने से उत्पादन आधा रह जाएगा. इससे रेट में बढोतरी की आशंका कायम है.
* फुटकर बाजार के रेट (प्रति किलो)
तुअर दाल – 150 रुपए
चना दाल – 70 रुपए
मूंग दाल – 95 रुपए
बरबटी – 75 रुपए
चना- 65 रुपए
ज्वार दादर – 60 रुपए