* निर्माण को गिना जाएगा
* मामला हाऊस टैक्स के बढे बिलों का
अमरावती /दि. 2– सातुर्णा एमआईडीसी के निर्माणकार्य की पुन: नापजोख करने की उद्योमियों की विनती मनपा ने स्वीकार कर ली है. नए सिरे से यहां हुए निर्माणकार्यो का नापजोख किया जाएगा. सहायक आयुक्त धनंजय शिंदे और नापजोख विभाग के डोईफोडे बैठक में उपस्थित रहने की जानकारी एमआईडीसी के अध्यक्ष वीरेंद्र लढ्ढा ने दी. उन्होंने बताया कि, मनपा अधिकारियों के साथ संपत्ति कर विषयक बैठक भाजपा नेता तुषार भारतीय की पहल से हुई. इसमें अधिकारियों ने उद्योजको की विनती को मान्य किया.
* कमर्शियल रेट नहीं चाहिए
मनपा अधिकारियों के साथ बैठक में उद्योजको ने निर्माणकार्य का वर्ष ध्यान में लेकर घसारा मूल्य से कर निर्धारण करने की विनंती की. बता दे कि, राज्य शासन के उद्योग विभाग ने 1960 में सातुर्णा एमआईडीसी को स्थापित किए जाने की अनुमति दी थी. इसलिए मनपा से अनुरोध किया गया कि, यहां का कर निर्धारण वाणिज्यिक दर से न करते हुए एमआईडीसी रेट से किया जाए. तब यह विषय आयुक्त के सामने रखने का आश्वासन दिया गया.
* 90 प्रतिशत ने किया टैक्स का भुगतान
बैठक में बताया गया कि, सातुर्णा एमआईडीसी के 90 प्रतिशत सदस्यों ने पिछले वर्ष तक मनपा का टैक्स का भुगतान कर रखा है. शासन द्वारा औद्योगिक क्षेत्र को अनेक प्रकार के टैक्सेस से छूट, पैकेज स्कीम ऑफ इनसेंटिव एक ही रेट से लगाए जाते है. पहले मनपा ऑक्ट्रॉय और हाऊस टैक्स अलग-अलग रेट से वसूल करती थी. फिर 2016 में पारित हुए प्रस्ताव पर अंमल किया जा रहा है. उद्योजको ने कमर्शियल रेट न लगाने का अनुरोध किया है. मनपा ने सभा लेकर संपत्ति कर किस प्रकार लगाया गया, इसकी जानकारी दी. इस बीच अध्यक्ष वीरेंद्र लढ्ढा ने मनपा द्वारा दोबारा नापजोख किए जाने के कारण उद्योजको से अपने यूनिट में उपस्थित रहने का आवाहन किया है.