अमरावती

‘उन’ 53 कामों का दुबारा नियोजन

जिप की आमसभा में अध्यक्ष ने लिया सर्वसम्मति से निर्णय

  • अधिकारियों को काम पूरा करने का दिया आदेश

  • विभागीय आयुक्त द्वारा रद्द किया गया था उन 53 कामों को

अमरावती/दि.12 – प्राधान्यक्रम की अनदेखी करते हुए नियोजन किये गये 53 कामों को विभागीय आयुक्त के आदेश पर रद्द कर दिया गया था. किंतु 135 करोड रूपयों की लागतवाले इन 53 कामों का पुर्ननियोजन करते हुए उन्हें दुबारा जिप की आमसभा द्वारा सर्वसम्मति से मान्यता दी गई है. इसके तहत जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख ने कहा कि, पहले जिन गांवों में यह काम करवाये जानेवाले थे, अब भी उन्हीं गांवों में ये काम करवाये जायेंगे तथा चुनाव से पहले इन कामों को शुरू करते हुए प्रत्यक्ष काम की शुरूआत की जानी चाहिए.
विगत रविवार को आयोजीत जिप की आमसभा शुरू होते ही सबसे पहले जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख के मार्गदर्शन में नियोजन के मसले पर भी चर्चा की गई और अध्यक्ष देशमुख द्वारा घोषित किया गया कि, आमसभा द्वारा इस नियोजन सर्वसहमति के साथ मंजुरी दी जा रही है. साथ ही उन्होंने जिप अधिकारियों को ये तमाम विकास कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के संदर्भ में भी आवश्यक दिशानिर्देश जारी किये तथा कहा कि, चुनाव पूर्व मंजुरी दिये गये इन सभी विकास कामों के प्रत्यक्ष काम की जल्द से जल्द शुरूआत होनी चाहिए तथा इन कामों को त्वरित पूरा भी किया जाना चाहिए.
बता दें कि, इससे पहले जिला परिषद द्वारा कई विकास कामोें के नियोजन को मान्यता दी गई थी. किंतु प्रहार के सदस्यों द्वारा आरोप लगाया गया था कि, 53 कामों का नियोजन करते समय जिप प्रशासन द्वारा प्राधान्यक्रम की अनदेखी की गई है. जिसे लेकर विभागीय आयुक्त के समक्ष शिकायत भी दर्ज करायी गयी थी और संभागीय आयुक्त ने इन विकास कामों पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी. जिसे जिला परिषद के लिए काफी बडा झटका माना जा रहा था. ऐसे में जिला परिषद के सत्ता पक्ष द्वारा इन विकास कामोें का नये सिरे से नियोजन करने की तैयारी की गई. जिसे आमसभा में मंजुरी भी दिलाई गई.
जिप की इस आमसभा में अन्य कई महत्वपूर्ण विषयों को लेकर भी जबर्दस्त हंगामा मचा. जिन्हें लेकर विपक्ष द्वारा सत्ता पक्ष को जमकर आडे हाथ लिया गया. साथ ही विपक्ष द्वारा यह आरोप भी लगाया गया कि, उन 53 कामों का नियोजन करते समय अध्यक्ष ने कामों की सूची प्रदान नहीं की और बिना सूची प्रदान किये ही उन विकास कामों को बहुमत के आधार पर मंजुरी दे दी. इसमें दुबारा गडबडी होने की संभावना रहने के चलते इसे लेकर भी संभागीय आयुक्त के पास शिकायत की जायेगी.

Related Articles

Back to top button