नई पीढी के पास घर पर बनाने के लिए समय नहीं
अमरावती/दि.21 – गर्मी का मौसम शुरु होते ही कुछ वर्ष पहले तक गृहिणियों द्बारा अगले 7-8 माह के लिए अचार, पापड व कुरौडी सहित सेवई जैसे पदार्थों को घर पर ही तैयार किया जाता था. यह काम आज भी ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं द्बारा किया जाता है. परंतु शहरी क्षेत्र में रेडिमेड पदार्थों पर ज्यादा जोर दिया जाने लगा है. क्योंकि नई पीढी के पास इन सभी कामों के लिए समय नहीं है. साथ ही नई पीढी इन सभी खाद्य पदार्थों को बनाने की कला से अवगत भी नहीं है. ऐसे में उनके पास इन सभी खाद्य पदार्थों को खरीदने के अलावा अन्य कोई दूसरा रास्ता भी नहीं है. हालांकि इन खाद्य पदार्थों को बाजार से खरीदना काफी हद तक महंगा साबित होता है.
उल्लेखनीय है कि, गर्मी के मौसम दौरान विभिन्न तरह की पापड, कुरौडी, चकली, सेवई, अचार तथा दही, मिर्ची जैसे विविध खाद्य पदार्थ तैयार कर उन्हें तेज धूप में सुखा लिया जाता है. ताकि इन खाद्य पदार्थों का बारिश के मौसम दौरान भोजन में प्रयोग किया जा सके. यह पद्धति ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कायम है और गर्मी के मौसम दौरान ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं बडे पैमाने पर ऐसे खाद्य पदार्थ बनाने व सुखाने के काम में लगी दिखाई देती है. लेकिन शहरी क्षेत्र में जब आवश्यकता महसूस होती है, तब ऐसे खाद्य पदार्थ रेडीमेड खरीदने की मानसिकता बढ गई है.
* पापड, कुरौडी बनाने के लिए समय कहां है?
शहरी क्षेत्र में अधिकांश महिलाएं नौकरीपेशा अथवा व्यवसायिक होती है. ऐसे में उन्हें यह सभी खाद्य पदार्थ तैयार करने के लिए समय ही नहीं मिलता. इसके अलावा शहरी क्षेत्र में इन खाद्य पदार्थों को बनाने की परंपरा खत्म हो जाने की वजह से शहरी क्षेत्र की महिलाओं व युवतियों को अब इन खाद्य पदार्थों को बनाने की विधि भी पता नहीं होती. ऐसे में शहरी क्षेत्र से पापड, कुरौडी, अचार व सेवई बनाने व सुखाने की संस्कृति का धीरे-धीरे लोप हो रहा है.
* बचत गट व गृहउद्योगों का व्यवसाय जोरो पर
शहरी क्षेत्र से मिलने वाली मांग को ध्यान में रखते हुए कई महिलाओं ने व्यक्तिगत स्तर पर अपने घर में ही पापड, आचार व कुरौडी का गृहउद्योग शुरु कर दिया है. साथ ही इन दिनों कई महिलाओं ने एकसाथ आकर बचत गट तैयार करते हुए यह व्यवसाय करना शुरु किया है. जिनके द्बारा बनाए जाने वाले खाद्य पदार्थों को अलग-अलग प्रदर्शनियों में स्टॉल लगाकर बेचा जाता है.
* रेडिमेड पदार्थों के दाम होते है अधिक
विशेष उल्लेखनीय है कि, बचत गट अथवा गृह उद्योग में तैयार किए गए पापड व कुरौडी में लागत के साथ ही काफी समय व श्रम खर्च होता है. जिसकी वजह से इन रेडिमेड पदार्थों के दाम अच्छे खासे होते है. ऐसे में रेडिमेड पापड, अचार, कुरौडी व सेवई खरीदने के लिए अच्छा खासा पैसा खर्च करना पडता है.
* रेडिमेड पदार्थों के दाम (प्रतिकिलो)
पापड – 80
चकली – 250
अचार – 300
ट्रैंगल – 90
कुरौडी – 200