मोर्शी/ दि.11 – तहसील के किसानों ने अथक परिश्रम कर अपने संतरा बागानों को बचाए रख है. किंतु बदलते मौसम के कारण संतरा बागानों पर अज्ञात रोगों का प्रादुर्भाव बढ रहा है. जिसमें पेडों के पत्ते पीले पड रहे है किसानों व्दारा उपाय योजना किए जाने के बावजूद भी उन्हें संतरा बागानों को बचाना मुश्किल हो रहा है. जिससे संतरा उत्पादक किसानों पर संकट मंडरा रहा है.
मोर्शी तहसील संतरा उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है. किंतु संतरा उत्पादक किसानों पर संकट का सिलसिला जारी ही है. बेमौसम की बारिश व ओले पडने से संतरा उत्पादक किसान पहले ही अपने बागानों को लेकर परेशान है जिसमें अब अज्ञात रोग के प्रादुर्भाव के चलते संतरा उत्पादक किसान आर्थिक संकट में है. कृषि विभाग व संशोधन केंद्र की उदासीनता के चलते इन्हें किसी प्रकार का मार्गदर्शन समय पर नहीं मिल रहा है ऐसा आरोप संतरा उत्पादक किसानों ने लगाया है.
तहसील के हजारों संतरा बागानों पर कोलत्या, शेंडे मर, पायकुज व मूलकुज रोग ने हमला किया है. पेडो के पत्ते पीले पड रहे है और झड भी रहे है. संशोधकों व कृषि विभाग को संतरा बागानों की जांच करने का भी समय नहीं है. जिसकी वजह से संतरा उत्पादक किसानों में रोष व्याप्त है. केंद्रीय लिंबू वर्णीय फल अनुसांधान संस्था व क्षेत्रिय स्तर पर काम करने वाले अधिकारी संतरा उत्पादक किसानों के बागानों पर जाकर किसानो की समस्या जाने व रोग पर आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल कैसे करे इस संदर्भ में किसानों का मार्गदर्शन किया जाए ऐसी मांग तहसील के संतरा उत्पादक किसानों व्दारा की जा रही है.