अमरावती

श्री सुखमणि साहब का पाठ करने से दुख व क्लेशों का नाश होता है

गुरुद्वारा गुरुसिंघ सभा में मनाया जा रहा है गुरु अर्जुन देव का शहीदी गुरुपूरब

अमरावती/दि.16-जपयो जिन अरजन देव गुरु, फिर संकट जोन गर्व न आइयो… इस अरदास के साथ बुटी प्लॉट स्थित गुरुद्वारा गुरुसिंघ सभा में सिख पंथ के पांचवें गुरु शहीदों के सरताज गुरु अर्जुन देव का शहीदी गुरुपूरब मनाया जा रहा है. इस निमित्त हर साल 3 जून को विविध कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. इस वर्ष भी शहीदी गुरुपूरब को समर्पित चालिया पाठ का आयोगन किया गया है. 25 अप्रैल से जारी लगातार 40 दिन के श्री सुखमणि साहब के पाठ को 20 दिन पूर्ण हो चुके हैं. धनगुरु अर्जुन देव की शहादत अतुलनीय है. मानवता के सच्चे सेवक, धनी धर्म के रक्षक, शांति और भौवेत स्वभाव के धनी स्वामी गुरु अर्जुन देव अपने युग के सर्वसामान्य लोकनायक थे जो दिन-रात साद-संगत की सेवा में लगे रहते थे. उनके मन में सभी धर्मों के प्रति अथाह सम्मान था.गुरु अर्जुन देव के शहीदी उपरांत के बाद गुरु हरगोबिंद साहिब ने शांति के साथ-साथ हथियारबंद सेना तैयार करना बेहतर समझा तथा मीरी-पीरी का संकल्प देते हुए श्री अकाल तख्त साहिब की रचना की. धन गुरु अर्जुन देव ने गुरु ग्रंथ साहिब का संपादन भाई गुरुदास की सहायता से किया और रागों के आधार पर ग्रंथ साहिब में संकलित वाणियों का जो वर्गीकरण किया है, उसकी मिसाल मध्यकालीन धार्मिक ग्रंथों में दुर्लभ है. सिख धर्म में सबसे पहली शहीदी पांचवें सिख गुरु अर्जुन देव की हुई. शांति के पुंज, शहीदों के सरताज, अर्जुन देव को मुगल बादशाह जहांगीर ने अकारण ही शहीद कर दिया. गुरु को यातनाएं दी. विश्व को सरबत दा भला का संदेश देने वाले एवं विश्व में शांति लाने की पहल करने वाले किसी गुरु को यातनाएं देकर शहीद कर देना मुगल साम्राज्य के पतन का भी कारण बना.
हर वर्ष गुरु अर्जुन देव का शहीदी गुरुपूरब बड़े सम्मान व सत्कार के साथ समूची साद संगत के साथ और गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा में मनाया जाता है. श्री सुखमणि साहब का पाठ करने से दुख और क्लेशों का नाश हो जाता है. गुरुपूरब को समर्पित करते हुए लगातार 40 दिन तक श्री सुखमणि साहेब का पाठ होता है. इस वर्ष गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा में 25 अप्रैल से लगातार श्री सुखमणी साहेब का पाठ किया जा रहा है. गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा में सुबह 7.30 से 8.30 तक पाठ के पश्चात कीर्तन दीवान समाप्ति हुई.
सभी साद-संगत ने गुरु घर आकर खुशियां प्राप्त करने का अनुरोध गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष गुरविंदर सिंह बेदी, राजेन्द्र सिंह सलूजा, सचिव डॉ. निक्कू खालसा, अमरजोत सिंह जग्गी, रविन्द्र सिंह सलूजा, दिलीप सिंह बग्गा, नरेन्द्रपाल सिंह अरोरा, राज सिंह छाबड़ा, रतनदीप सिंह बग्गा, हरमिंदर सिंह पोपली, अजिंदर सिंह मोंगा, हरमिंदर सिंह राजपूत, रविन्द्रपाल सिंह अरोरा, तेजिंदर सिंह ओबेवेजा, भाई प्रवीण नतानी आदि ने किया है. गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा में जारी सुखमणि साहिब के पाठ आगामी 3 जून तक चलेगा.

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