वन्यजीवों, पेड़ों और पानी के महत्त्व को पहचानें : प्रमोद पोकले
एक-एक पौधा लगाने का संकल्प लें
अमरावती/दि.01– जल ही जीवन है और जंगल के पशु-पक्षियों, पेड़ों और वैकल्पिक रूप से मनुष्यों का उज्ज्वल भविष्य इस पर निर्भर करता है. इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी नैतिक जिम्मेदारी का एहसास करना चाहिए और प्रकृति में वन्य जीवन, जल और पेड़ों के महत्त्व पर विचार करना चाहिए और कम से कम एक पेड़-पौधे लगाने का संकल्प लेकर इसका संरक्षण किया जाना चाहिए. इस बात का जिक्र दूरदर्शन और आकाशवाणी कलाकार तथा भजन प्रबोधनकार प्रमोद पोकले इन्होंने जोर देकर किया.
स्थानीय श्री गुरुदेव सेवा मंडल की ओर से विश्व जल दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में प्रमोद पोकळे बोल रहे थे. आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि बढ़ते तापमान, सूरज की मार और पानी की भारी कमी को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण में मौजूद अन्य जीव-जंतुओं और पक्षियों का ख्याल रखना सभी के लिए जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि सभी को मानव जीवन में जल एवं वृक्षों की महत्त्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए जल ही जीवन है के दृष्टिकोन को ध्यान में रखते हुए उनके लिए हर जगह पानी उपलब्ध कराकर पर्यावरण का संतुलन बनाए रखना चाहिए. इस अवसर पर अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी सामयिक विचार व्यक्त किये. इस वक्त अशोकराव रुमणे, प्रकाश दुधे, मनोज संभे, राजेंद्र इंगोले, सुनील तायडे, विजय दारोकर, सुभाष सुने, प्रवीण रुमणे, प्रकाश बदुकले, अरविंद अंबाडकर, किशोर दारोकर, शिवाजी उंबरकर, पुंडलिक सपाटे, प्रकाश पोकले, नरेंद्र सपाटे, प्रज्वल वांगे, दत्ताभाऊ गाडवे सहित स्कूली विद्यार्थी, शहर के प्रमुख पुरुष एवं महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे.