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उन कर्मचारियों को काम पर वापिस लेने पर पुनर्विचार?

शेखावत, इंगोले, चिमोटे ने रखा कर्मचारियों का पक्ष

* सकारात्मक निर्णय की अपेक्षा में कर्मियों का मनपा में डेरा
अमरावती/दि.29- महानगरपालिका के वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल खत्म होकर प्रशासक राज लागू होते ही प्रशासक के रुप में मनपा का कामकाज संभाल रहे आयुक्त डॉ. प्रविण आष्टीकर ने पदाधिकारियों के कक्ष पर कार्यरत 35 से अधिक कर्मचारियों को घर का रास्ता दिखा दिया था. लेकिन इन कर्मचारियों को एक झटके में काम पर से निकाल देने से उनके सामने बडी समस्या खडी हो गई है. इसलिए इन कर्मचारियों को काम से निकालने की जगह उन्हें अन्य विभागों में काम पर रखा जाए, यह पक्ष मनपा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत, पूर्व महापौर मिलिंद चिमोटे, विलास इंगोले ने निगमायुक्त के समक्ष रखा. जिस पर पुनर्विचार करने का आश्वासन आयुक्त व प्रशासक डॉ. प्रविण आष्टीकर ने दिया है. संबंधित कर्मचारियों पर अन्याय नहीं होने दिया जाएगा, ऐसा आयुक्त से मिलने के बाद बबलू शेखावत, विलास इंगोले व मिलिंद चिमोटे ने बताया.
महानगरपालिका प्रशासन द्बारा हम सभी कर्मचारियों को पदाधिकारियों के कक्षों में तैनात किया गया था. उसके बाद हम सभी को नगर विकास विभाग से स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत रहने के आदेश मिले. इन आदेशों का पालन कर हम सभी अपने अपने नये नियुक्ति स्थान पर कार्यरत हो गये. वहां पर दो दिन काम भी किया. इसके बाद मनपा ने अपने ही आदेश 24 घंटों के भीतर बदलकर हम सभी कर्मचारियों को काम से निकाले जाने की जानकारी दी. यह हम सभी पर अन्याय ही है. ऐसी भूमिका काम से निकाले गये कर्मचारियों ने दै. अमरावती मंडल के समक्ष विशद की. मनपा प्रशासन ने यह निर्णय लेते वक्त किसी भी प्रकार का विचार ही नहीं किया और एक झटके में हम सभी को बेरोजगार कर दिया. यह हम पर अन्याय रहने की बात कर्मचारियों ने बताई.

* कर्मचारियों को सता रही वित्तीय चिंता
मनपा में कार्यरत ठेका कर्मचारियों ने काम के भरोसे ही कई व्यवहार किये है. इनमें से अधिकांश कर्मचारियों पर ही उनके परिवार का निर्वहन निर्भर है. लेकिन मनपा प्रशासन द्बारा संबंधित ठेका पद्धति पर कार्यरत कर्मचारियों का अन्य विभागों में समायोजन करने के स्थान पर उन्हें सीधा काम से कम कर दिया. जिससे काम पर से निकाले गये कर्मचारियों को वित्तीय चिंता सता रही है.

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