महावितरण के अधिकारियों से वसूल करो बकाया बिल की रकम
विद्युत उपभोक्ता मंच ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला
* निवृत्त एएसआय अशोक धोटे को दी बडी राहत
अमरावती/दि.18– जिला ग्रामीण पुलिस महकमे के वायरलेस विभाग से सेवानिवृत्त हुए सहायक पुलिस उपनिरीक्षक अशोक धोटे को आज विद्युत उपभोक्ता मंच द्वारा बकाया विद्युत बिल के मामले में दर्ज करायी गई शिकायत पर सुनवाई करते हुए एक बडी राहत प्रदान की गई है. साथ ही महावितरण को आदेश दिया है कि, वह अपने बकाया विद्युत बिल की रकम अपने ही विभाग के दो अधिकारियों के वेतन से वसूल करे. साथ ही इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच की कार्रवाई भी करे. इसके अलावा अदालत ने महावितरण को यह भी आदेश दिया कि, वह शिकायतकर्ता अशोक धोटे को हुई मानसिक तकलीफ व अदालती खर्च के तौर पर आर्थिक भुगतान करते हुए उनकी खंडित विद्युत आपूर्ति को दोबारा बहाल करे.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक रिटायर्ड एएसआई अशोक धोटे का अकोली परिसर स्थित म्हाडा कालोनी में एक घर है. जहां पर उन्होंने महावितरण से घरेलू विद्युत कनेक्शन 20 जनवरी 2017 को लिया था और माहुरे परिवार को यह घर किराये पर दिया था. लेकिन किरायेदार द्वारा दो माह बाद घर का किराया देना बंद कर दिया गया. साथ ही विद्युत बिल भी समय पर अदा नहीं किया जाता था. जिसके चलते अशोक धोटे को महावितरण द्वारा बार-बार विद्युत बिल की रकम अदा करने हेतु फोन व एसएमएस आने लगे. ऐसे में अशोक धोटे ने नवाथे विद्युत केंद्र के सहायक अभियंता को 30 मई को अपना कनेक्शन बंद करने हेतु पत्र दिया. साथ ही 14 सितंबर 2018 को स्पष्ट नोटीस जारी करते हुए कहा कि, यदि उनका कनेक्शन बंद नहीं किया जाता है, तो बकाया विद्युत बिल के लिए वे जिम्मेदार नहीं रहेंगे. परंतू इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में उन्होंने 6 फरवरी 2019 को शहर विद्युत विभाग के अतिरिक्त कार्यकारी अभियंता (एमआयडीसी परिसर) के नाम भी लिखीत निवेदन दिया. लेकिन इस पर भी कोई कारवाई नहीं हुई. वहीं इसके उपरांत 5 मई 2019 को किरायेदार द्वारा उनका घर खाली कर दिया गया. इस समय उनके विद्युत कनेक्शन पर कुल बकाया राशि 5 हजार 310 रूपये थी. जिसकी जानकारी अशोक धोटे द्वारा 10 जुलाई 2019 को अधिक्षक अभियंता को दी गई. इसके उपरांत अगस्त 2019 में कोई पूर्व सूचना दिये बिना उनके घर की विद्युत आपूर्ति खंडित कर दी गई और विद्युत आपूर्ति दुबारा शुरू करने के संदर्भ में आवेदन करने पर बताया गया कि, बकाया विद्युत बिल की वजह से उनके घर की विद्युत आपूर्ति खंडित की गई है. अत: वे 6 हजार 450 रूपये का बकाया बिल अदा करे. इसके बाद मुख्य अभियंता कार्यालय के पास निवेदन करने पर भी बकाया बिल में कोई छूट नहीं दी गई, बल्कि विद्युत आपूर्ति खंडित रहने के बावजूद उन्हें 11 हजार 210 रूपयों का बकाया बिल जारी किया गया. ऐसे में अशोक धोटे ने महावितरण के नागपुर स्थित कार्यकारी संचालक कार्यालय के पास अपनी शिकायत दर्ज करायी. जिनके द्वारा अमरावती शहर विभाग के कार्यकारी अभियंता की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिती गठित करते हुए मामले की जांच का आदेश जारी किया गया. इस तीन सदस्यीय समिती ने पूरे मामले की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट अधीक्षक अभियंता को सौंपी. जिसके आधार पर नवाथे विद्युत केंद्र के तत्कालीन सहायक अभियंता सावरकर तथा एमआयडीसी क्षेत्र के तत्कालीन अतिरिक्त कार्यकारी अभियंता आलेगांवकर को दोषी करार दिया गया है. साथ ही इन दोनों अधिकारियों से अशोक धोटे के बकाया विद्युत बिल की रकम वसूल करने एवं इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच की कार्रवाई करने का आदेश जारी किया गया है. साथ ही शिकायतकर्ता को हुई शारीरिक व मानसिक तकलीफ के लिए 10 हजार रूपये की नुकसान भरपाई और केस खर्च के तौर पर 1 हजार रूपये का मुआवजा देने का निर्णय भी विद्युत उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष आर. बी. माहुरे व सदस्य सचिव बी. डी. अवगड द्वारा सुनाया गया है. इस मामले में सेवानिवृत्त एएसआई अशोक धोटे ने खुद ही अपनी ओर से पैरवी की.