अमरावती

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर घर टैक्स भत्ते की वसूली

चांदूर बाजार गुटविकास अधिकारी को ठहराया गया जिम्मेदार

अमरावती प्रतिनिधि/दि.18 – चांदूर बाजार तहसील के 40 कार्यरत ग्रामसेवकों में से 11 ग्रामसेवकों ने घर टैक्स की फर्जी रसीदे लाकर घर टैक्स भत्ता वसूल किया. वहीं शेष 29 ग्राम सेवकों को किसी भी प्रकार का लिखित सबूत न देकर गुट विकास अधिकारी की ओर से कोई भी जांच पडताल न करते हुए घर किराये का भत्ता अदा किया गया. इसी तरह का मामला जिप शिक्षक तथा पटवारियों के संबंध में भी सामने आया. इन सभी मामलों में सरकार की निधि का गलत उपयोग किया गया है. इसके लिए चांदूर बाजार पंचायत समिति के गुट विकास अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया गया है. लोक विकास संगठन के गोपाल भालेराव ने चांदूर बाजार पुलिस , जिलाधिकारी, जिप मुख्य कार्यकारी अधिकारी, चांदूर बाजार तहसीलदार, पंस. के बीडीओ के पास तहसील के 289 जिप शिक्षक, 42 ग्रामसेवक व 47 पटवारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. इसलिए भालेराव की शिकायत पर पुलिस एक्शन मोड पर दिखाई दे रही है.
बता दें कि चांदूर बाजार तहसील के 40 ग्रामसेवकों कोे मुख्यालय में रहने के मुआवजे के तौर पर 1 लाख 25 हजार रुपए का घर किराया का भत्ता मिलता है. इस में से 11 ग्रामसेवकों ने घर किराये का भत्ता उठाने के लिए जिन घर मालिकों के मकानों के किराये के रसीद लगाई गई है वह सभी फर्जी है. यह रसीदें ग्रामसेवकों ने स्वयं तैयार की है. जिसपर घर मालिकों के लिए गए हस्ताक्षर भी बनावटी है. इस बारे में घर मालिकों से जांच करने पर रसीदों को लेकर घर मालिक भी अनजान दिखाई दिये. उक्त ग्राम सेवकों ने मुख्यालय में न रहते हुए रसीदें पंचायत समिति कार्यालय में पेश किये रसीदों में दिखाएं गए अधिकांश घर मालिक ग्रामपंचायत कर्मचारी होने की बात सामने आयी है. उनमें से 11 ग्रामसेवकों ने घर किराये की रसीदें फर्जी ेदी है. वहीं 29 ग्रामसेवकों ने कोई भी रसीद नहीं देने प र भी उनको घर किराये का भत्ता दिया गया है. यह मामला काफी गंभीर होने के बाद भी गुटविकास अधिकारी ने इस ओर नजरअंदाज करने का काम किया. जिसके चलते सरकार का सालाना 15 लाख रुपयों का नुकसान हो रहा है. यह संपूर्ण मामला सरकारी निधि का गलत उपयोग और हेराफेरी किये जाने का है. इसलिए पंचायत समिति, गुटविकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग लोक विकास संगठन के संस्थापक गोपाल भालेराव ने की है.

पुलिस का पत्र मिल चुका है, जिसपर वरिष्ठों का मार्गदर्शन भी प्राप्त किया जा रहा है. मुख्य कार्यकारी अधिकारी के मार्गदर्शन के तहत पुलिस जो भी जानकारी मांगेगी वह दी जाएगी.
-डॉ.प्रफुल्ल भोरखडे, गुटविकास अधिकारी

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