पीडिता के गवाही से मुकरने पर होती है ब्याज सहित वसूली
मनोधौर्य योजना में सैकडों पीडिताओं को मिली करोडों की मदद
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अमरावती/दि.1- लौंगिक अत्याचार ग्रस्त पीडित महिला अथवा युवती या अल्पवयीन बच्चों को मनोधौर्य योजना अंतर्गत सहायता राशि प्रदान की जाती है. लेकिन यदि कोई पीडिता अदालत में अपनी गवाही से मुकर जाती है, तो दी गई रकम को ब्याज सहित वसूल भी किया जाता है.
मनोधौर्य योजना के तहत कई पीडिताओं को आर्थिक मदद के साथ ही समूपदेशन, आसरा, वैद्यकीय व कानूनी मदद उपलब्ध कराते हुए उनके पुनर्वसन का काम सफलतापूर्वक किया जाता है. बलात्कार, बच्चों पर लौंगिक अत्याचार व एसीड हमला जैसी घटनाओं का शिकार होने वाले महिलाओं व बच्चे को अर्थसहायता प्रदान करने के साथ ही उनका पुनर्वसन करने हेतु राज्य मंत्रिमंडल ने मनोधौर्य योजना मंजूर की और इस योजना पर 2 अक्तूबर 2013 से पूरे राज्य में अमल करना शुरु किया गया. इस योजना के तहत पीडित पक्ष को 2 से 3 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है.
पीडित को 3 लाख रुपए तक मदद
बलात्कार व बच्चों पर लैंगिक अत्याचार मामले में 2 लाख रुपए तथा किसी विशेष मामले मेें अधिकतम 3 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी जाती है. इसके अलावा एसीड हमले में घायल महिला व बच्चे का चेहरा विदृप होने अथवा उन्हें स्थायी अपंगत्व आने वाली स्थिति में 50 हजार रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.
एक साल दौरान 18 मामलोें में 36.50 लाख रुपए वितरीत
मनोधौर्य योजना अंतर्गत सन 2022 में 18 मामले मंजूर किए गए. जिसमें पीडित पक्ष के लिए कुल 36 लाख 50 हजार रुपए की निधि मंजूर की गई. ऐसे जानकारी अमरावती जिला विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव द्बारा दी गई है.
आपसी समझौते के चलते शिकायत वापिस
अत्याचार संबंधित मामलों में कई बार फिर्यादी व आरोपी के बीच समझौता हो जाता है. पश्चात कोर्ट में मुकदमा जारी रहने के दौरान पीडित पक्ष द्बारा झूठी शिकायत देने की बात कबूल की जाती है. ऐसे में आरोपी को सजा होने तक मुकदमा नहीं चलता. ऐसे मामलों में पीडित पक्ष से मनोधौर्य योजना के तहत दी गई रकम ब्याज सहित वसूल की जाती है.
ऐसे होता है मदद का वितरण
– पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत, मेडिकल रिपोर्ट व अन्य दस्तावेजों को वरिष्ठ स्तर पर भेजा जाता है.
– पश्चात विधि व सेवा प्राधिकरण के अधिकारियों द्बारा चर्चा करते हुए सहायता के तौर पर कितनी रकम देनी है. इस संदर्भ में निर्णय लिया जाता है.
– अलग-अलग कारणों के लिए अलग-अलग रक्कम सहायता राशि के तौर पर प्रदान की जाती है.
एक साल में 145 मामले
जिला विधि सेवा प्राधिकरण के पास सन 2022 में मनोधौर्य योजना अंतर्गत लाभ दिए जाने हेतु कुल 145 मामले पहुंचे.
अत्याचार का शिकार महिला नये सिरे से अपने सम्मान के साथ जीवन बिताए और अपने पैरों पर खडी हो पाए. इस बात के मद्देनजर मनोधौर्य योजना से पीडित महिलाओं को सहायता प्रदान की जाती है. जिसके तहत कुछ रकम एफडी के तौर पर बैंक में रखी जाती है और यह रकम पीडित पक्ष को चरबद्ध तरीके से दी जाती है.
– जी. आर. पाटिल,
सचिव, जिला विधि सेवा प्राधिकरण.