लाल सीताफल बना आकर्षण का केंद्र
परतवाडा-दि.27 समीपस्थ चांदूर बाजार मार्ग पर तलेगांव खेत परिसर में कांडली निवासी सुरेश बिजागरे के खेत में सीताफल के पेड पर लगे लाल रंग के सीताफल हर साल की तरह इस बार भी सभी के आकर्षण का केंद्र बने हुए है. उल्लेखनीय है कि, लाल रंग का सीताफल अमूमन कोंकण, रत्नागिरी व गणपति पुले परिसर में फलता है और
करीब पांच वर्ष पहले सुरेश बिजागरे ने अपने खेत में सीताफल की इस प्रजाति का पौधा लाकर लगाया था. जिसमें विगत तीन वर्षों से लाल रंगवाले सीताफल लग रहे है. हालांकि पेड पर फलनेवाले फलों की संख्या बेहद कम है.
बिजागरे के खेत में इस वर्ष सीताफल के पेड पर लाल रंगवाले कुल 20 सीताफल लगे. जिसमें से 12 फलों को बंदर खा गये और आज इस पेड पर केवल 3 सीताफल ही लगे हुए है. खास बात यह भी है कि, बिजागरे ने इन लाल सीताफलों के बीजों से नये पौधे उगाने का भी प्रयास किया, लेकिन उनकी अंकुरण क्षमता का प्रमाण बेहद कम है. 38 बीज लगाने के बाद केवल 3 पौधे ही तैयार हो पाये. खास बात यह है कि, जहां सामान्य तौर पर सीताफल के बाहरी आवरण का रंग हरा होता है, वहीं इस प्रजातिवाले सीताफल का बाहरी आवरण लाल या जामुनी रंग का होता है. वहीं इसके अंदर का गुदा सामान्य सीताफल की तरह सफेद और गुदे के भीतर रहनेवाले बीज काले रंग के ही होते है. हालांकि इन सीताफलों में गुदे का प्रमाण कुछ अधिक होता है, जो अपेक्षाकृत तौर पर सामान्य सीताफलों के गुदे की तुलना में ज्यादा मीठा व स्वादिष्ट होता है.