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कोर्ट ने कहा, अपराध दर्ज कर गिरफ्तार करों
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यदि जमानत दी तो फरार हो सकते है रेड्डी
अमरावती/दि. 3 – मेलघाट के हरिसाल वन परिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण की आत्महत्या के मामले में अचलपुर के न्यायालय ने अपर मुख्य वन संरक्षक श्रीनिवास रेड्डी की गिरफ्तारी पूर्व जमानत की अर्जी खारीज कर दी है. न्यायालय ने इस अर्जी पर अपने फैसले में कहा कि दीपाली चव्हाण की आत्महत्या के मामले में श्रीनिवास रेड्डी को गिरफ्तार कर उनसे पुछताछ करना जरुरी है. यदि अगर उन्हें जमानत दी जाए तो वे फरार हो सकते है. इस कारण न्यायालय ने रेड्डी की जमानत की अर्जी खारीज कर दी. इससे पहले आज दीपाली आत्महत्या मामले की जांच अधिकारी पूनम पाटिल ने अचलपुर न्यायालय में 4 पन्ने का ‘से’ दाखल किया. जिसमें पुलिस ने कहा है कि 1 अप्रैल को पुलिस श्रीनिवास रेड्डी का बयान दर्ज कर चुकी है और इस मामले की फिलहाल जांच कर रही है, इस कारण रेड्डी को आरोपी बनाना या नहीं यह पुलिस ने निश्चित नहीं किया है. इसी बीच न्यायालय में सरकार की ओर से जिला सरकारी अभियोक्ता एड. परिक्षित गणोरकर ने श्रीनिवास रेड्डी की जमानत की याचिका रद्द करने की पुरजोर मांंग न्यायालय से की. वहीं अपर मुख्य वन संरक्षक श्रीनिवास रेड्डी की ओर से एड. दिपक वाधवानी ने दलीलें दी.
उल्लेखनीय है कि 25 मार्च को वनपरिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों के अत्याचार से त्रस्त होकर अपने शासकीय निवास में स्वयं पर सर्विस रिवाल्वर से गोली चलाकर आत्महत्या की थी. आत्महत्या से पहले दीपाली चव्हाण ने अपने सुसाईड नोट में गुगामल के उपवन संरक्षक विनोद शिवकुमार बाला व अपर मुख्य वन संरक्षक रेड्डी पर आरोप किये है. प्राथमिक जांच में ही धारणी पुलिस थाने में विनोद शिवकुमार पर दफा 306 के तहत अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं शिवकुमार को फिलहाल न्यायीक हिरासत के तहत अमरावती जेल में भेजा गया है. इसी मामले में राज्य सरकार व्दारा अपर मुख्य वनसंरक्षक श्रीनिवास रेड्डी को निलंबित करने के बाद स्वयं की संभावित गिरफ्तारी को टालने रेड्डी ने अचलपुर कोर्ट में दो दिन पहले ही गिरफ्तारी पूर्व जमानत की अर्जी एड.दीपक वाधवानी के जरीये दाखिल की है. आज इस अर्जी पर अचलपुर कोर्ट ने जांच अधिकारी पूनम पाटिल ने 4 पन्नों का ‘से’ दाखल किया है. जिसपर न्यायलय में काफी देर तक बहस चली.