अमरावती

कपास के उत्पादन में कमी, कीमत भी घटी

सफेद सोना मिट्टी मोल होने से किसान निराश

अतिवृष्टि का प्रभाव , कीड, रोग का भी परिणाम,
अमरावती/दि.७– तीन माह लगातार बारिश होने का परिणाम अब कपास पर दिखाई देने लगा है. कीड व रोग के कारण बोंडे खराब हो गये. ऐसे में औसतन उत्पादन कम होने पर उसकी कीमत भी घट गई है. जिसके कारण उत्पादन खर्च भी नहीं निकलने के कारण किसान अडचन में आ गये है.
जिले में कपास भरोसे की फसल है. एक ओर कपास का प्राकृतिक आपत्ति के कारण हर साल नुकसान हो रहा है. इस बार सीजन में दो लाख हेक्टर में कपास का क्षेत्र हैे जिसमें से न्यूनतम १ लाख हेक्टर पर कपास की फसल अतिवृष्टि व निरंतर बारिश से बाधित हो गई है. उसके बाद पॅराविल्ट, बोंडसड व बोंड इल्ली के कारण फसल को बहुत नुकसान हुआ है. इसके अलावा बदरीला वातावरण के कारण तथा सूर्यप्रकाश के अभाव के कारण कपास पर कीड व रोग का प्रभाव बढ गया है. अब कुछ क्षेत्र में लाल्या व दहीया इस रोग का परिणाम होने की किसानों की शिकायते हैे. इस तरह दो चुनाई में कपास पर इसका प्रभाव होने का कुछ क्षेत्र में दिखाई दे रहा है. कपास के उत्पादन में कमी होने पर इस सप्ताह में लगभग हजार रूपये से कीमत घट जाने से सफेद सोना मिट्टी मोल होने से किसान अडचन में आ गये है.

* खेडा खरीद में किसानों की लूट
* दशहरा को ग्रामीण में व्यापारियों द्वारा खेडा खरीदी शुरू थी. इस बार बारिश के कारण अधिकांश क्षेत्र में दशहरे को खरीदी नहीं हुई थी. इसके बाद दिवाली के पार्श्वभूमि पर निकला उतना कपास किसानों ने अडचन में बेचा. साढे सात हजार तक भाव मिला. उसके बाद भाव ८ हजार पर गया. अब उसमें एकदम एक हजार से घटा दिखाई देता है.
* भाव बढने के लिए कपास का संग्रह
अमेरिका में अकाल व पाकिस्तान में महाबाढ इसके अलावा अमेरिका और चीन दरम्यान के ट्रेड खत्म हो गये है. जिसके कारण कपास में भाव बढने की संभावना व्यापारी वर्ग में व्यक्त की जा रही है. विगत वर्ष कपास को १० हजार भाव मिला था. इस साल ऐसी संभावना नहीं है फिर भी किसानों को ८ हजार का भाव मिलने की उम्मीद है जिसके कारण किसान कपास का संग्रह करने से बाजार में आवक कम हो गई है.

 

Related Articles

Back to top button