अमरावती

नए शैक्षणिक नियोजन में भाऊसाहब के विचारों का प्रतिबिंब

हेमंत कालमेघ का प्रतिपादन

  • श्री शिवाजी महाविद्याल में एक दिवसीय चर्चा सत्र

अमरावती/दि.14 – नए राष्ट्रीय शैक्षणिक नियोजन में डॉ. पंजबारराव उर्फ भाऊसाहब देशमुख का प्रतिबिंब दिखाई देता है, ऐसा प्रतिपादन श्री शिवाजी शिक्षण संस्था के कार्यकारिणी सदस्य हेमंत वासुदेवराव कालमेघ ने व्यक्त किया. वे श्री शिवाजी कला व वाणिज्य महाविद्यालय अमरावती तथा नागपुर विद्यापीठ टीचर एसोसिएशन (नुटा) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नए राष्ट्रीय शैक्षणिक नियोजन 2020 के चर्चा सत्र में बतौर अध्यक्ष के रुप में बोल रहे थे.
श्री शिवाजी महाविद्यालय के डॉ. पंजाबराव देशमुख सभागृह में आयोजित चर्चा सत्र में प्रमुख वक्ता के तौर पर नुटा के अध्यक्ष डॉ. प्रविण रघुवंशी तथा प्रमुख अतिथि के तौर पर प्राचार्य डॉ. रामेश्वर भिसे उपस्थित थे. अपने अध्यक्षीय भाषण में हेमंत कालमेघ ने आगे कहा कि, 90 साल बीत जाने के पश्चात आज भी भाऊसाहब देशमुख के विचारों को शिक्षा प्रणाली में अंगीकार किया गया. नए शैक्षणिक नियोजन पर खुले मंच पर चर्चा होनी चाहिए और नए शैक्षणिक नियोजन को स्वीकारने के लिए हमें तैयार रहना चाहिए.
श्री शिवाजी शिक्षा संस्था की स्थापना के पश्चात जिन विचारों को लेकर लोक विद्यापीठ की स्थापना की गई है, उन सभी विचारों का नए शैक्षणिक नियोजन में समावेश किया गया है. अपेक्षित विद्यार्थी, शिक्षक तथा अपेक्षित शिक्षा प्रणाली नए शैक्षणिक नियोजन में भाऊसाहब के योग विद्यापीठ के उद्देश्यों की पूर्ति करते है. सही मायनों मेें भाऊसाहब के विचार व दी गई. सूचनाओं का शैक्षणिक नियोजन में समावेश किए जाने पर हेमंत कालमेघ ने समाधान व्यक्त किया. एम. फुक्टो की प्रदेश कार्यकारिणी में महासचिव पद पर डॉ. प्रविण रघुवंशी की नियुक्ति पर उनका शाल श्रीफल प्रदान कर तथा विलास ठाकरे, डॉ. नितिन चांगोले, डॉ. दिलीप हांडे का भी सत्कार किया गया. कार्यक्रम का संचालन डॉ. महेंद्र मेटे ने किया व आभार डॉ. राय ने माना. इस एक दिवसीय चर्चा सत्र में विविध महाविद्यालयों के प्राचार्य, प्राध्यापक, शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी बडी संख्या में उपस्थित थे.

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