अमरावती

बकाया कर्जदार किसानों के खाते में रकम जमा करने से इनकार

महाराष्ट्र बैंक के प्रति रोष की लहर

मोर्शी प्रतिनिधि/दि.२ – तहसील के खेड़ में बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा की ओर से जिन किसानों ने बैंकों से कृषि कर्ज लिया और जिनके खाते एनपीए में गये. उन किसानों के खातों की रकम देने से इनकार किया गया है जिससे किसानों में रोष उत्पन्न हुआ है.
पहले ही अतिवृष्टि जैसे आसमानी संकट से परेशान किसान बैंक के इस सुलतानी निर्णय के कारण किसान आर्थिक संकट से परेशान हो गया हैे. विगत सीजन में तुअर, कपास व चना जैसे खेतमाल किसानों नाफेड़ को बेचा. उस माल की रकम शासन की गलत नीतियों के कारण देरी से किसानों के खाते में जमा होने लगी. इस जमा हुई रकम से दुकानदार की ओर से उधर लिए गये बीज, रसायनिक खाद, फवारणी औषधी व मजदूरी चुकाने के व अगले सोयाबीन,उड़द,मूंग फसल सोंगणी व अन्य फसल खर्च करने के निर्णय लिया था. परंतु बैंक की इस अडचन की नीति के कारण किसान परेशान हो गया है.
विगत दिनों फडणवीस सरकार ने किसानों का डेढ़ लाख तक का कर्ज डेढ़ लाख से ऊपर की रकम भरने की शर्त माफ की थी. परंतु यह सब योजना रद्द हो गई. उस पर सत्ता में आयी ठाकरे सरकार ने दो लाख तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की. परंतु इस कर्जमाफी में भी अनेक किसानों के नाम नहीं आए. कर्जमाफी की आशा पर बैठे किसानों को इस वर्ष फसल कर्ज नहीं मिला और उस पर रहनेवाला फसल कर्ज बैंक खाते बकाया होने से उन्हें संबंधित बैंक ने उनकी बैंक की जमा हुई रकम देने में स्पष्ट इनकार किया. इस संबंध में बैंक व्यवस्थापको से किसानों ने पूछताछ की और हमें ऊपर से आदेश होने का उनकी ओर से कहा गय. एक साइड में कार्पोरेट दुनिया को करोड़ों रूपये देकर माफ करे और दूसरे साइड में परिश्रमी किसानों को उनके पैसे देने से इनकार करने के संबंध में किसान वर्ग केन्द्र राज्य सरकार संबंध में कमाल का रोष दिखाई देता है.

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