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प्रशासन के काम में दखल से इंकार

मामला मानव संसाधन ठेके का

* हाईकोर्ट का बडा फैसला
अमरावती/ दि. 3- बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने दूरगामी परिणामों वाला निर्णय गुरूवार को सुनाया. जब उसने अमरावती महानगर पालिका के मानव संसाधन सप्लाय ठेके में निविदा शर्तो के कथित उल्लंघन के बारे में दखलंदाजी से साफ इंकार कर दिया. याचिका कर्ता इटकॉन ई सोल्युशन कंपनी की अर्जी को डिसमिस करते हुए हाईकोर्ट की न्या. अविनाश घरोटे और न्या. एम.एस. जवलकर की खंडपीठ ने कहा कि प्रशासन के काम में कोर्ट दखल नहीं देना चाहती. यह निर्णय आगामी कई प्रकरणों में मिसाल बनने की संभावना विधिक क्षेत्र के जानकारों ने व्यक्त की है. दूसरी ओर अमरावती मनपा को उपरोक्त निर्णय से बडी राहत मिली.
* क्या था प्रकरण
मनपा ने अपने दैनंदिन कामकाज के लिए मानव संसाधन हायर करने का निर्णय किया. उसके लिए निविदा जारी की. 400 कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए इटकॉन सोल्युशन में भी निविदा भरी थी. किंतु मनपा प्रशासन ने गोविंदा संस्था को ठेका अलाट कर दिया. गोविंदा संस्था ने नियत समय पर काम शुरू कर दिया. मनपा को आवश्यकतानुसार कुशल और अर्धकुशल कामगारों, अधिकारी उपलब्ध करवाए. उनका मानधन भी तय हो गया.
* इटकॉन ने दी कोर्ट में चुनौती
मानव संसाधन ठेके की बिडर इटकॉन सोल्युशन ने मनपा आयुक्त के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी. उसके वकीलों ने कोर्ट में दावा किया कि निविदा में दी गई शर्तो का इस मामले में पूरी तरह पालन नहीं किया गया है. उसी प्रकार प्रतिस्पर्धी की निविदा में दिए गये रेट में जीएसटी नहीं जोडा गया है. जबकि जीएसटी जोडा जाना आवश्यक है. कोर्ट में भी वकीलों ने यह मुद्दा उपस्थित कर ठेका इटकॉन को दिए जाने की जोरदार पैरवी की.
* कोर्ट का दखल से इंकार
अमरावती मनपा पर फिलहाल प्रशासक का राज है. ऐसे में किसी ठेके की निविदा की शर्तो का पालन पूरी तरह करने या न करने का फैसला लेने का प्रशासन को अधिकार होने का उल्लेख खंडपीठ ने याचिका को डिसमिस करते हुए किया. खंडपीठ ने कहा कि वह ऐसे मामले में दखल नहीं दे सकती. जिसमें निविदा स्वीकार की गई है और वर्कऑर्डर जारी हो गया है. काम भी शुरू हो गया है. कानून के जानकार नागपुर खंडपीठ के इस निर्णय को महत्वपूर्ण बता रहे हैं. उनका कहना है कि यह निर्णय आगामी समय में मिसाल बन सकता है.
* इटकॉन देगी सुको में चुनौती
इस बीच याचिकाकर्ता इटकॉन ई सोल्युशन्स के वकील एड. परवेज मिर्जा ने बताया कि उनके मुवक्कील हाईकोर्ट के निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देनेवाले हैं. बता दें कि मनपा ने निविदा प्रक्रिया करने के बाद 21 अप्रैल 2023 को मनुष्य बल ठेका गोविंदा संस्था को दिया था. गोविंदा संस्था गत एक वर्ष से मनपा की आवश्यकतानुसार कर्मचारी, अधिकारी उपलब्ध करवा रही है. बता दे कि इस मामले में मनपा की ओर से विधि अधिकारी श्रीकांत सिंह चव्हाण और वरिष्ठ वकील सीएस कप्तान ने पैरवी की.

 

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