अमरावती/दि.27– रापनि कर्मचारियों की पिछले 45 दिनों से विलिनीकरण की मांग को लेकर हडताल जारी है. जिससे एसटी महामंडल को 16 करोड रुपए का नुकसान हुआ है. साथ ही ग्रामीण परिसर के रहने वाले विद्यार्थियों व ज्येष्ठ नागरिकों को यातायात में परेशानी का सामना करना पड रहा है.
निजी वाहनों को यातायात की अनुमति दिये जाने के पश्चात यात्रियों को कुछ राहत प्राप्त हुई है. किंतु निजी वाहन चालकों द्बारा यात्रियों से मनमाना किराया भी वसूला जा रहा है. जिले में 8 बसस्थानक है. जिसमें 2 हजार 444 कर्मचारी कार्यरत है इन कर्मचारियों के हडताल पर चले जाने से सभी बसे जगह पर खडी है. अब तक 16 करोड रुपयों का नुकसान एसटी महामंडल को जिले में हुआ है.
* बस स्थानक निहाय नुकसान
अमरावती 40,35
बडनेरा 25,50
दर्यापुर 28,07
परतवाडा 32,75
मोर्शी 19,72
वरुड 30,45
चांदूर बाजार 21,98
चांदूर रेलवे 22,86
* कोरोना काल में भी हुआ था नुकसान
कोरोना की पहली लहर में 70 दिन तथा दुसरी लहर में 15 से 20 दिन लॉकडाउन के चलते एसटी बस सेवा बंद कर दी गई थी. जिसमें भी करोडों रुपयों का नुकसान एसटी महामंडल को हुआ था. अब पिछले 45 दिनों से जारी हडताल के चलते 16 करोड रुपयों का नुकसान अब तक एसटी महामंडल को हो चुका है. रापनि कर्मी अब भी अपनी विलिनीकरण की मांग को लेकर अडे हुए है. जिससे सर्वसाधारण यात्रियों को यातायात मेें परेशानी हो रही है. वहीं ग्रामीण परिसर के विद्यार्थी भी शाला, महाविद्यालय में पहुंच नहीं पा रहे है.
* कुछ बस फेरियां शुरु की गई
जिले की 8 बस स्थानकों के पिछले देढ महिने से कर्मचारी हडताल पर है. धीरे-धीरे कुछ कर्मचारी वापस काम पर लौट रहे है. उनके माध्यम से कुछ बस फेरियां शुरु की गई है.
– श्रीकांत गभने, विभाग नियंत्रक
* आत्महत्या करने वाले कर्मियों के परिजनों को दी जाएगी नौकरी
एसटी महामंडल के 33 कर्मचारियों ने आत्महत्या की है. आत्महत्या करने वाले कर्मचारियों के परिजनों को नौकरी दी जाएगी. ऐसा राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा. अनिल परब ने बताया कि, एसटी कर्मियों की हडताल समाप्त करने के दृष्टि से 28 संगठनाओं की कृति समिति के साथ चर्चा की गई है और एक कनिष्ठ कर्मचारी संगठना को नोटिस दिया गया था. जिसमें चर्चा के पश्चात उस संगठना ने अपना आंदोलन पीछे लिया है. विलिनीकरण के संदर्भ में न्यायालय के आदेश के पश्चात तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. समिति की रिपोर्ट आने के पश्चात रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल की जाएगी. पिछले 45 दिनों से हडताल के चलते एसटी महामंडल को साडे छह सौ करोड रुपए का नुकसान हुआ है, ऐसी जानकारी परिवहन मंत्री अनिल परब ने दी.