अमरावती/प्रतिनिधि दि.९ – दिव्यांग युवकों को रोजगार मिले व उनका विकास हो इसके लिए सामाजिक न्याय व विशेष सहायक विभाग शासन निर्णय 2 जुलाई 2010 के अनुसार विकलांगों को रोजगार के लिए 1 लाख 50 हजार रुपए कर्ज के स्वरुप में दिए जाते है. इसमें 20 प्रतिशत राशि शासन व्दारा अनुदान के स्वरुप में दी जाती है व 80 प्रतिशत राशि बैंक कर्ज के स्वरुप में दिव्यांग को देती है. इस योजना अंतर्गत अमरावती जि.प. समाज कल्याण विभाग में 14 दिव्यांगों ने छह महीने पूर्व कर्ज का प्रस्ताव बैंक को दिया था. जिसे मंजूर करने के लिए बैंक मैनेजर आनाकानी कर रहे थे.
बैंक व्दारा प्रस्ताव मंजूर नहीं किए जाने पर 23 जून को इन दिव्यांगों ने सामुहिक आत्मदहन की चेतावनी दी थी. जिसकी दखल जिलाधिकारी व्दारा ली गई और लीड मैनेजर के साथ बैठक का आयोजन कर 15 दिनों के भीतर दिव्यांगों को कर्ज की राशि देने का लिखित आश्वासन दिया गया. किंतु आश्वासन के पश्चात भी बैंक व्दारा इन दिव्यांगों को अलग-अलग कारण बताकर संबंधित बैंकों ने मानसिक रुप से परेशान किया गया.
दिव्यांगों की दिशाभूल की गई संबंधित बैंक मैनेजर पर दिव्यांग अधिनियम 2016 अनुसार कलम 92 के तहत अपराध दर्ज किया जाए ऐसी मांग जिलाधिकारी को निवेदन सौंपकर अपंग जनता दल सामाजिक संगठना व्दारा की गई. अन्यथा सामुहिक आत्मदहन की चेतावनी भी दी गई. इस अवसर पर राजीक शाह दिलबर शाह, मयूर मेश्राम, मुतलिक इस्माइल चाउस, शेख रुस्तम शेख बनू, राहुल वानखडे, मो. राजिक मो. शरिफ, मो. इलयाज मो. युनूस, शेख निसार शेख मुरान, फारुख शाह इस्माइल शाह उपस्थित थे.