अमरावती

पंजीयन 3432 का, कर्ज 4692 को

प्रत्येक हॉकर को दी जा रही ‘पीएम स्वर्ण निधि’

अमरावती/दि.23– भले ही रास्ते के किनारे व्यवसाय करने वाले हॉकर्स के पास अधिवास प्रमाणपत्र उपलब्ध न हो, लेकिन सभी हॉकर्स को सर्वेक्षण में शामिल करने का आदेश नगरविकास विभाग व्दारा दिया गया है. इसके चलते अब महाराष्ट्र राज्य का अधिवासी प्रमाणपत्र नहीं रहने वाले पथ विक्रेताओं को भी प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वर्णनिधि योजना का लाभ मिलेगा. सन 2019-20 में किए गए मोबाइल सर्वेक्षण के अनुसार अमरावती महानगर पालिका क्षेत्र में कुल 3432 फेरीवालो का पंजीयन किया गया. जिसमें से 2120 फेरीवालों को पहचानपत्र दिए गए. साथ ही करीब 4692 हॉकर्स को पीएम स्वर्ण निधि योजना का का लाभ दिया गया.
बता दें कि नगरविकास विभाग ने विगत 12 दिसंबर को जारी सरकारी निर्णय में साफ तौर पर कहा है कि, यदि फेरिवालों के पास अधिवास प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीें तो इस वजह के चलते उनके नामों को सर्वेक्षण से अलग न रखा जाए. साथ ही फेरीवालों का सर्वेक्षण करने, सूची तैयार करने, पंजीयन करने और उन्हें विक्री प्रमाणपत्र देने के काम में महाराष्ट्र राज्य का अधिवासी रहने का मानद न लगाया जाए. प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वर्ण निधि योजना के लिए महानगर पालिका को कुल 11 हजार 655 फेरीवालों का लक्ष्य प्रदान किया गया है. इसकी ऐवज में मनपा प्रशासन के पास 11 हजार 556 आवेदन प्राप्त हुए है. जिसमें से 7 हजार 130 आवेदन पात्र व 2 हजार 902 आवेदन अपात्र साबित हुए. साथ ही 1 हजार 524 आवेदनों को बैंको ने कुछ त्रुटियों के चलते वापिस लौटा दिया.

* हॉकर्स को आर्थिक सहायता
कोविड-19 के संक्रमण की वजह से पूरे देशभर में लॉकडाउन लागू होने के चलते फेरीवालों पर काफी विपरित परिणाम हुआ और उनका व्यवसाय ठप हो गया. जिसका परिणाम उनकी उपजीविका पर भी हुआ. जिसके चलते फेरीवालों को व्यवसाय करने के लिए पूंजी निवेश उपलब्ध करवाते हुए उनकी साहयता करने के लिए प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वर्ण निधि योजना शुरु की गई हैं. जिसके लिए 17 जून 2020 को सरकारी निर्णय जारी किया गया.

* 5246 मामलों को मंजूरी
अमरावती मनपा क्षेत्र के लिए बैंकों व्दारा 5246 आवेदनों को मंजूर किया गया. जिसमें से 4110 लोगों को प्रथम कर्ज के तौर पर 10-10 हजार रुपए की राशि उपलब्ध करवायी गई. वहीं 20 हजार रुपए के द्बितीय कर्ज हेतू 1337 आवेदन आए. जिसमें से 979 आवेदनों को मंजूर करते हुए 572 लोगों को कर्ज दिया गया. इसके साथ ही 50 हजार रुपए के तृतीय कर्ज हेतु प्राप्त 18 में से 11 आवेदन मंजूर किए गए और कुल 10 फेरीवालों को तृतीय कर्ज के तौर पर 50-50 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई.

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