अमरावती प्रतिनिधि/दि.१४ – खरीफ मौसम की नई तुअर की फसल का बाजारों में आगमन शुरू हो चुका है. शासन द्बारा किसानों की तुअर फसल का पंजीयन करवाया जा रहा है. किंतु शासन द्बारा अभी तक शासकीय खरीदी के आदेश नही दिए गये. जिसकी वजह से जिन किसानों ने तुअर का पंजीयन करवाया है. उन्हें आर्थिक संकट के चलते अपनी फसल खुले बाजारों में बेचनी पड रही है. व्यापारियों द्बारा जो भी दाम दिए जा रहे है. किसान वहीं दामों में अपनी फसल बेच रहे है. जिले में अब तक 4 हजार 11 किसानों द्बारा पंजीयन किया जा चुका है.
नाफेड द्बारा 28 दिसंबर को आदेश दिए गये थे. आदेशानुसार तुअर उत्पादक किसानों ने पंजीयन शुरू कर दिया था. जिला मार्केटिंग फेडरेशन व विदर्भ मार्केटिंग फेडरेशन के माध्यम से तुअर खरीदी का नाफेड का नियोजन है. जिसमें 12 खरीदी केन्द्र स्थापित किए गये है. विदर्भ मार्केटिंग फेडरेशन के 6 खरीदी केन्द्रों पर 2550 किसानों ने पंजीयन करवाया है. जिसमें मोर्शी 60, वरूड 339, धामणगांव रेल्वे 550, अमरावती 565, चांदुर बाजार 514 व अंजनगांव के 512 तुअर उत्पादक किसानों का समावेश है.
जिला मार्केटिंग फेडरेशन के 6 खरीदी केन्द्रों पर 1461 तुअर उत्पादक किसानों ने पंजीयन किया. जिसमें अचलपुर 370, चांदुर रेल्वे 572, दर्यापुर 178, धारणी 45, नांदगांव खंडेश्वर 296 व तिवसा केन्द्र पर 415 किसानों ने पंजीयन किया है. पिछले महिने भर से पंजीयन की प्रक्रिया शुरू है. किंतु शासकीय खरीदी का मुहूर्त अभी तक निकाला नहीं गया. जिसकी वजह से सिर्फ पंजीयन कर प्रतीक्षा करने की नौबत किसानों पर आन पडी है.
खरीफ के मौसम में मूंग, उडद तथा सोयाबीन की फसल अतिवृष्टि के चलते बरबाद हो चुकी थी. जिसमें अब किसानों को तुअर की फसल की आस थी. खुले बाजार में 5 हजार से 5850 रूपये प्रति क्विंटल दाम बुधवार को था. इसके पहले इससे भी कम दाम व्यापारियों द्बारा दिए जा रहे शासन द्बारा 6 हजार रूपये समर्थन मूल्य दिया गया है. समर्थन मूल्य की अपेक्षा खुले बाजारों मेें तुअर की फसल को कम दाम दिए जा रहे है. जिसमें अब किसानों को शासकीय खरीदी की प्रतीक्षा है.