अमरावती

रेकी कर लूटपाट मचाने वाला गिरोह दो साल बाद गिरफ्तार

तिवसा मार्ग से उडाई थी 17.45 लाख की रकम

अमरावती/दि.25 – दुपहिया वाहन से नियमित पैसे लेकर जाने वालों की जानकारी इकट्ठा करना और उनका पीछा कर मारपीट करते हुए रकम लेकर फरार होना ऐसी अपराध की पध्दत रहने वाले इस गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार करने में क्राईम ब्रांच के दल को सफलता मिली है. इस गिरोह ने तिवसा मार्ग पर दो लूटपाट की घटनाओं की कबुली दी है तथा 17.45 लाख की रकम लूटने की बात उन्होंने पुलिस को बताई है. यह दोनों घटनाएं दो वर्ष पहले घटीत हुई थी.
रुपेश उर्फ बंटी राजेश चव्हाण (25, महाजनपुरा, अमरावती), विशाल दिपक खराले (26, मोर्शी) यह गिरफ्तार किये गए दो आरोपियों के नाम है. इन दोनों को भी न्यायालय ने 28 जून तक पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिये. पुलिस सूत्रों के अनुसार नांदगांव पेठ अंतर्गत रिलायन्स पेट्रोल पंप स्थित दैनदिन जमा होने वाली कैश एजंट के माध्यम से बैंक में जमा की जाती थी. 30 जुलाई 2018 को सुबह 10.40 बजे कंपनी का एजंट प्रशांत उकंडराव पवार (29, प्रशांत नगर) व उसका मित्र महेंद्र नवनाथ गडलिंग (35, बिच्छू टेकडी) यह दोनों रिलायन्स पेट्रोल पंप से 12 लाख 92 हजार 740 रुपयों की नगद रकम लेकर अमरावती की ओर दुपहिया क्रमांक एमएच 27/ईबी-7169 से बैंक में पैसे भरने के लिए जा रहे थे. इस बीच एक दुपहिया पर पीछे से आने वाले दो युवकों ने उनका पीछा किया और पीछे से लकडी के डंडे से मारकर उन्हें नीचे गिराया. पवार व गडलिंग यह दोनों भी दुपहिया से नीचे गिरते ही उनका पीछा करने वालों ने उनके पास की नगद रकम की बैग छिन ली और भाग गए. बैग में 12 लाख 92 हजार 740 रुपए की रकम थी. पवार व गडलिंग इन दोनों ने ही तत्काल नांदगांव पेठ पुलिस थाने में जाकर शिकायत दर्ज की. पुलिस ने अज्ञात लूटेरों के खिलाफ भादंवि की धारा 392, 34 के तहत अपराध दर्ज किया था. किंतु पुलिस को उस समय पवार का मित्र महेंद्र गडलिंग पर संदेह आने से उसे हिरासत में लिया गया था. उसके पास से 2 लाख 84 हजार 500 रुपए पुलिस ने जब्त भी किये थे तथा अन्य आरोपियों की तलाश शुरु की थी. किंतु अन्य आरोपियों का पता नहीं चल पाया था. इस घटना के बाद 26 अप्रैल 2018 को दोपहर 4 बजे मुदलियार नगर स्थित निशिकांत बापुराव मेश्राम (45) यह तिवसा मार्ग से दुपहिया क्रमांक एमएच 27/बीजी-7389 पर अमरावती आ रहे थे. होटल वाइन ग्लोरी के सामने मेश्राम की दुपहिया स्लीप हो जाने से वे नीचे गिर पडे. उसी समय उनका पीछा कर दुपहिया लेकर दो युवक वहां पहुंचे. यह युवक भी वहां गाडी स्लीप होने से वहां गिर पडे थे. इस समय उन्होंने मेश्राम से मारपीट कर दुपहिया के डिक्की में रखे 4 लाख 53 हजार रुपए और दुपहिया लेकर भाग निकले इस बाबत मेश्राम ने तत्काल नांदगांव पेठ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की. पुलिस ने लूटेरों की तलाश शुरु की, लेकिन उनका पता नहीं चल पाया. पिछले दो साल से यह मामला पर्दे के पिछे गया था. पुलिस ने उस समय केवल वाहन चोरी का अपराध दर्ज किया था. इन दोनों घटनाओं के लूटेरे एक ही होने का संदेह पुलिस को था. इस बीच 8 दिन पहले चांदूर बाजार पुलिस ने वाहन चोरों का गिरोह पकडा और 45 दुपहिया जब्त की. उसके बाद शहर पुलिस ने जांच की गति बढाई. पुलिस ने पहले मोर्शी से समीर नामक युवक को हिरासत में लिया. उसके बाद बुधवार को दोपहर महाजन पुरा से बंटी चव्हाण को गिरफ्तार करने के बाद विशाल दिपक खराले समेत एक नाबालिग को हिरासत में लिया. उनके पास से शहर के तीन गंभीर अपराध प्रकाश में आये है. इस कार्रवाई में पुलिस आयुक्त डॉ.आरती सिंह के मार्गदर्शन में क्राईम ब्रांच के पीआई कैलाश पुंडकर, पीएसआई नरेशकुमार मुंडे, पुलिस कर्मचारी राजु आप्पा, फिरोज खान, सतीश देशमुख, दिनेश नांदे, निवृत्ती काकड आदि का समावेश था.

जेल में हुई थी लूटेरों से भेंट

बैग लिफ्टींग मामले में गिरफ्तार बंटी चव्हाण, विशाल खराले और समीर शहा की कुछ वर्ष पहले अमरावती जेल में भेंट हुई थी. तीनों ही लूटपाट के मामले में गिरफ्तार हो जाने से तीनों की जेल में मित्रता हुई. उसके बाद उन्होंने शहर में व ग्रामीण क्षेत्र में लूटपाट शुरु की. बंटी चव्हाण के खिलाफ इससे पहले कोतवाली व राजापेठ थाना क्षेत्र में लूटपाट के 6 से 7 अपराध दर्ज है. जबकि प्राणघातक हमले कर एक मामला दर्ज है तथा विशाल खराले के खिलाफ मोर्शी थाने में हथियार रखने का मामला दर्ज है और समीर पर चांदूर बाजार, मोर्शी पुलिस थाने में लूटपाट के अपराध दर्ज रहने की जानकारी सामने आयी है.

डकैती की घटना के बाद समीर अमरावती में रहता था

स्थानीय माधव नगर निवासी सुवर्णकार प्रदीप माथने के घर डाले गए डाके की घटना में समीय शहा के साथ एक नाबालिग को पुलिस ने हिरासत में लिया. खबर है कि प्रदीप माथने के घर डाका डालने के बाद कुछ दिन समीर व उसके साथी अमरावती जिले से फरार हुए थे. पुलिस को आरोपियों का कुछ भी पता नहीं चल पाया, यह समझ में आते ही समीर फिर अपने गांव वापस आया था. किंतु पुलिस की दिशाभूल करने के लिए समीर बस डिपो परिसर में गांजा पीने वालों के साथ रहता था और बस डिपो परिसर में राहुटी डालकर वहीं रहता था, ऐसा पुलिस जांच में सामने आया है.

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