अमरावती/दि.29 – 1 जनवरी 2018 को भीमाकोरेगांव में भिम अनुयायियों के साथ मारपीट की घटना घटी. जिसके निषेध में राज्य ेमें भीम सैनिकों द्बारा आंदोलन किये गये. लेकिन तत्कालीन सरकार ने आंदोलन करने वाले भीम सैनिकों पर अपराध दर्ज किये. इस घटना को 3 वर्ष बीत गये है. लेकिन सरकार ने भीम सैनिकों पर दर्ज अपराध खारिज नहीं किये है. वहीं अन्य आंदोलक जिनमें मराठा समाज आरक्षण मोर्चे, आरे कारशेड बचाने के लिए हुआ आंदोलन व कोरोना काल में दाखिल मामले स्वतंत्र जीआर जारी कर रद्द किये गये है. तत्कालीन मुख्यमंत्री व वर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर दाखिल 125 राजनीतिक अपराध भी स्वतंत्र जीआर के माध्यम से पीछे लिये गये. लेकिन भीम सैनिकों पर दर्ज अपराध पीछे लेने संबंधित किसी भी प्रकार की भूमिका सरकार ने नहीं ली. जिस पर ऑल इंडिया पैंथर सेना द्बारा भिम सैनिकों पर दर्ज अपराध खारिज करने के लिए स्वतंत्र जीआर निकालने की मांग की गई है. निवेदन देते वक्त शितल गजभिये, रुपेश कुत्तरमारे, अविराज सावले, वर्षा आकोडे, अतुल मसुले, यश चक्रे, सनी गोंडाणे, सुनिता रायबोले आदि उपस्थित थे.