अमरावती

भगवान और गुरु से रिश्ता रखने से केवल लाभ ही होता है

संत डॉ. संतोष महाराज का विवेचन

अमरावती/दि.3-सिंधु नगर स्थित पूज्य शिवधारा आश्रम में चल रहे शिवधारा झूलेलाल चालीहा महोत्सव का श्रद्धालु लाभ उठा रहे है. महोत्सव के 18 वें दिन परम पूज्य संत श्री डॉ.संतोष देव महाराज ने अपनी मधुर वाणी में बताया, कि चाहे जो भी हो पर भगवान से कोई न कोई रिश्ता जरूर रखना चाहिए, क्योंकि उस से केवल लाभ ही मिलता है, इसके विपरीत संसार में जिस से भी हम दिल लगाते हैं, रिश्ता जोड़ते हैं. कहीं ना कहीं उनकी एक सीमा आ जाती है या परिस्थितियां बदलने पर वह छोड़ कर चले जाते हैं या हम उनसे निभा नहीं पाते. पर गुरुदेव एवं भगवान से जो रिश्ता रहता है वह निष्कपट निष्काम, निस्वार्थ वाला होता है. और ऐसी अपेक्षा संसार से नहीं रखी जा सकती और जिन्होंने रखी है, उन्होंने केवल ठोकरें और धोखे ही खाए हैं. इस समय संत डॉ.संतोष महाराज ने कई प्रसंगों का वर्णन कर श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन किया. महाराज ने बताया कि, 1008 सतगुरु स्वामी शिवभजन जी महाराज जी की बड़ी भाभी जी उनको अपना बेटा करके भी देखती थीं और सदैव प्रयास रहता था,कि वह अच्छा भोजन खाएं एवं गुरुदेव करके भी पूजति थीं, तो महाराज श्री भी उनको मां का दर्जा देते थे एवं गुरु बनकर उनके अंत समय में दर्शन देकर अंत सुहेली की थी. इन सभी उदाहरणों से हम लोग सीख रहे हैं, भगवान और गुरु से रिश्ता रखने से केवल लाभ ही होता है, हम ने ही देर की है उनके दर पर जाने की, बाकी उनकी कृपा में कोई देरी नहीं होती.
संत महाराज ने कहा कि, गौ माता को रोटी पर गुड़ और शक्कर रखकर खिलाने से मन और बुद्धि श्रेष्ठ होती है, मन की उलझनें दूर होती हैं, आत्मविश्वास बढ़ता है, गृह कलह भी दूर होते हैं एवं 33 करोड़ देवताओं को भोग लगाने का पुण्य मिलता है.

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