संपत्ति की लालच में रिश्तेदार ही बने हत्यारे, 5 गिरफ्तार
5 आरोपियों में 3 महिलाओं का भी समावेश
* धामोरी बस स्टैंड पर पडा मिला था अजय मुंगाने का शव
* 18 सितंबर को घटित हुई थी वारदात, ग्रामीण अपराध शाखा ने सुलझायी गुत्थी
अमरावती/दि.19 – विगत 18 सितंबर को खोलापुर पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गम धामोरी गांव में रहने वाले अजय रविकिरण मुंगाने (23) का शव गांव के ही बस स्टैंड के पास पडा बरामद हुआ था. जिसे देखते ही स्पष्ट हो गया था कि, अजय मुंगाने के सिर पर किसी वजनी व धारदार वस्तु से वार कर उसे मौत के घाट उतारा गया है. ऐसे में इस मामले की तेजी से जांच करते हुए ग्रामीण अपराध शाखा पुलिस के दल ने आशीष शैलेशसिंह मुंगाने (23), बालकृष्ण महादेव खरबडे (43) के साथ ही तीन महिलाओं को अपनी हिरासत में लिया. जिन्होंने पूछताछ के दौरान अपना जुर्म भी कबूल कर लिया. विशेष उल्लेखनीय है कि, यह पांचों आरोपी मृतक अजय मुंगाने के रिश्तेदार ही है. जिन्होंने संपत्ति की लालच में आकर मिलीभगत करते हुए अजय मुंगाने को मौत को घाट उतार दिया.
जानकारी के मुताबिक अजय मुंगाने के माता-पिता का काफी पहले ही निधन हो गया था. जो विगत 14 वर्षों से धामोरी गांव में अपने रिश्तेदार रहने वाले आशीष मुंगाने के घर पर रहा करता था. अजय मुंगाने के नाम पर उसकी पुश्तैनी जमीन रहने के चलते 10 लाख रुपए का बीमा भी था. ऐसे में उसे जान से मार देने पर वह जमीन व बीमें की रकम खुद को मिलने की लालच में आशीष मुंगाने ने अजय मुंगाने को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. जिसमें अपनी मां व पत्नी को शामिल करने के साथ ही गांव में रहने वाले बालकृष्ण खरबडे व उसकी एक रिश्तेदार महिला को भी दो-दो लाख रुपए देने का लालच देते हुए इस योजना में सहभागी किया. अजय मुंगाने का धामोरी गांव के बस स्टैंड के निकट एक छोटा सा होटल था. जहां पर वह रात के समय सोया करता था. ऐसे में आरोपियों ने अजय मुंगाने को रात के समय उसके होटल में ही जान से मारने की योजना बनाई. जिसके चलते 17 अक्तूबर की रात आशीष मुंगाने की मां व पत्नी ने अपने घर की छत पर खडे रहते हुए निगरानी करने का काम किया कि, कही बीच में ही पुलिस अथवा अन्य कोई वाहन न आ जाये. वहीं आशीष व बालकृष्ण ने एक महिला के साथ मिलकर गहरी नींद में सो रहे अजय मुंगाने के हाथ-पांव पकडकर उसके सिर पर फरशी के टूकडे से जोरदार वार करते हुए उसे जान से मार दिया. साथ ही यह मामला कोई दुर्घटना की तरह दिखाई दे. इस हेतु अजय मुंगाने के शव को होटल से बाहर सडक पर लाकर डाल दिया. जिसके बाद होटल को रात में ही पानी से धोकर खून के धब्बे मिटाने का प्रयास भी किया गया. लेकिन अगले दिन 18 सितंबर की सुबह इस घटना के उजागर होने पश्चात पुलिस द्वारा की गई जांच के दौरान पुलिस ने होटल के भीतर एक-दो स्थानों पर लगे खून के धब्बों को देख लिया. जिससे पुलिस को यह हत्या का मामला रहने का संदेह हुआ. ऐसे में पुलिस ने गुपचूप तरीके से जांच शुरु की और अपना संदेह पूख्ता हो जाने पर पांचों आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया. पकडे जाने के बाद पांचों आरोपियों ने इस बात को लेकर कबूली दी कि, उन्होंने अजय मुंगाने की पुश्तैनी जमीन और उसके बीमें की रकम की लालच में आकर अजय मुंगाने को मौत के घाट उतारा था. जिसके बाद अब ग्रामीण पुलिस द्वारा पांचों आरोपियों को अदालत में पेश करते हुए उन्हें पुलिस कस्टडी रिमांड में लेने का प्रयास किया जा रहा है.
यह कार्रवाई ग्रामीण पुलिस अधीक्षक विशाल आनंद, अपर पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत, ग्रामीण उपविभाग के उपविभागीय पुलिस अधिकारी अशोक थोरात के मार्गदर्शन तथा ग्रामीण अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक किरण वानखडे के नेतृत्व में एपीआई किशोर वानखडे व सचिन पवार, पीएसआई, सागर हटवार व मुलचंद भामुरकर, पुलिस कर्मी सचिन मिश्रा, शकील चव्हाण, युवराज मानमोठे, रवींद्र वर्हाडे, शांताराम सोनवने, स्वप्निल तंवर, सागर नाठे, अमोल देशमुख, सचिन मसांगे व मंगेश लकडे के पथक द्वारा की गई.