अमरावती

रिश्तेदारों ने किया इन्कार, मनपा ने करवाया अंतिम संस्कार

7 कोविड मृतकों की उठायी जिम्मेदारी

  • अंतिम संस्कार के खर्च का भी किया वहन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२२कोविड संक्रमण काल ने विगत 14 महिने के दौरान कई अच्छे व बुरे अनुभव दिखाये है. इस दौरान कोविड संक्रमण की वजह से मरनेवाले कई व्यक्तियों के पार्थिव शरीरों को उनके परिजनों द्वारा अंतिम संस्कार हेतु स्वीकार करने से इन्कार किये जाने की सनसनीखेज घटनाएं भी सामने आयी है. ऐसे में कोविड से संक्रमित 7 व्यक्तियों के शवों का मनपा द्वारा अंतिम संस्कार किया गया. साथ ही इन अंतिम संस्कारों पर होनेवाले खर्च का भी भार खुद ही उठाया.
बता दें कि, अमरावती में हाथीपूरा परिसर निवासी व्यक्ति की विगत वर्ष 4 अप्रैल को कोविड संक्रमण के चलते मौत हो गई थी. यह अमरावती शहर सहित जिले में कोविड संक्रमण और इस संक्रमण की वजह से होनेवाली मौत का पहला मामला था. इसके बाद से अब तक कोविड संक्रमण के चलते जिले में 1 हजार 303 लोगों की मौत हो चुकी है और कोविड संक्रमण की वजह से मृत हुए लोगों के अंतिम संस्कार की एक गाईडलाईन तय की गई है. इस गाईडलाईन के हिसाब से ही कोविड मृतकों के पार्थिव शरीरों पर अंतिम संस्कार किया जाता है. जिसके तहत कोविड अस्पताल से श्मशान भूमि तक एम्बुलन्स के जरिये कोविड संक्रमित शव को ले जाने हेतु मनपा द्वारा स्वतंत्र कर्मचारी नियुक्त किये गये है और मनपा के नियंत्रण के तहत हिंदू मोक्षधाम, विलास नगर, एसआरपीएफ कैम्प व शंकर नगर परिसर स्थित श्मशान भूमियों में कोविड संक्रमित मरीजों के शवों पर अंतिम संस्कार किया जाता है.
जानकारी के मुताबिक सुपर कोविड अस्पताल, पीडीएमसी अस्पताल तथा जिला सामान्य अस्पताल में कोविड संक्रमित होने के बाद इलाज हेतु भरती सात मरीजों की मौत होने पर अस्पताल प्रशासन सहित पुलिस द्वारा उनके परिजनों से संपर्क किया गया, ताकि वे शव की कस्टडी लेकर अंतिम संस्कार हेतु उपस्थित हो. किंतु इन सात मरीजों के परिजनों ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया. ऐसे में मनपा प्रशासन ने अपने स्तर पर इन सात मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार करवाया. साथ ही अंतिम संस्कार पर होनेवाले खर्च का वहन भी खुद ही किया.

  • लावारिश शवों के अंतिम संस्कार हेतु दी गई निधी

लावारिश शव मिलने, अंतिम संस्कार हेतु पैसे नहीं रहने तथा रिश्तेदारों द्वारा शव का स्वीकार करने से मना किये जाने पर मनपा द्वारा ऐसे शवों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी उठायी जाती है. जिसके लिए मनपा द्वारा अग्रिम निधी मंजूर की गई है और सभी लावारिश शवों का अंतिम संस्कार कराने की जिम्मेदारी मनपा द्वारा स्वीकार की गई है.
बॉक्स, फोटाणे मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे
कोरोना संक्रमित शवों पर अंतिम संस्कार करने को जवाबदारी नहीं बल्कि कर्तव्य मानकर पूरा किया जा रहा है. कोविड संक्रमित शवों के लिए एम्बुलन्स वाहन उपलब्ध है. जिस पर दो चालक व आठ कर्मचारी नियुक्त किये गये है. साथ ही अब तक जिन शवों का उनके रिश्तेदारों द्वारा अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया गया, ऐसे 7 शवों का अंतिम संस्कार मनपा द्वारा अपने खर्च से किया गया.
– प्रशांत रोडे
आयुक्त, अमरावती मनपा

  • अंतिम संस्कार पर होनेवाला खर्च

– गैस शवदाहिनी – 1500 रूपये
– लकडी की चिता – 2700 रूपये
– चार कर्मचारियों के पीपीई कीट – 6000 रूपये

  • ये सात संक्रमित रहे अंतिम संस्कार हेतु परिजनों से वंचित

– अंजनगांव सुर्जी निवासी 55 वर्षीय महिला
– धारणी निवासी 63 वर्षीय पुरूष
– वरूड निवासी 40 वर्षीय पुरूष
– मायानगर निवासी 75 वर्षीय महिला
– निंभा (चांदूरबाजार निवासी) 65 वर्षीय पुरूष
– जुनी बस्ती, बडनेरा निवासी 60 वर्षीय महिला
– यशोदा नगर निवासी 62 वर्षीय पुरूष

  • 150 अस्थियां कर रही परिजनों की प्रतीक्षा

शहर के हिंदू मोक्षधाम में कोरोना व प्राकृतिक तौर पर मृत हुए व्यक्तियोें के शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है. जहां पर अंतिम संस्कार के बाद अस्थियों को सुरक्षित रखने हेतु लॉकर की व्यवस्था भी की गई है. यहां इस समय 150 अस्थिकलश लॉकर्स में सुरक्षित रखे गये है. जिन्हें अब तक संबंधित परिवारों द्वारा ले जाया नहीं गया है. ऐसी जानकारी हिंदू श्मशान भूमि के प्रबंधक एकनाथ इंगले द्वारा दी गई. साथ ही उन्होंने बताया कि, मनपा प्रशासन द्वारा सूचित किये जाने के बावजूद जिन व्यक्तियों के शवों का अंतिम संस्कार करने से संबंधित परिजनों द्वारा इन्कार कर दिया गया, ऐसे सात कोविड संक्रमितों के शवों का अंतिम संस्कार मनपा की ओर से कराया गया.

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