अमरावती

लॉकडाउन शिथिल करें अथवा छूट दे!

व्यापारियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दर्ज की

मुंबई/दि.26 – कोरोना की पृष्ठभूमि पर लगाया गया लॉकडाउन शिथिल करे अथवा व्यापार में छूट दी जाए. ऐसी मांग करनेवाले व्यापारियों ने दर्ज की गई याचिका की उच्च न्यायालय ने गंभीर दखल ली है. न्या. आर. डी. धनुका और न्या. एम. जामदार की खंडपीठ ने राज्य सरकार सहित पालिका प्रशासन को प्रतिज्ञापत्र पर भूमिका स्पष्ट करने के निर्देश दिए.
इस लॉकडाउन के कारण छोटे व्यापारियों का बहुत नुकसान हो रहा है तथा अस्थिरता का भी सामना करना पड रहा है. अत: लगाया गया लॉकडाउन शिथिल करें अथवा व्यापार में छूट दी जाए. ऐसी मांग करनेवाली याचिका फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेअर्स असोसिएशन की उच्च न्यायालय में दर्ज की गई. इस पर मंगलवार को वीसी द्वारा सुनवाई हुई. याचिकाकर्ताओं की ओर से युक्तिवाद करते हुए छोटे व्यापारियों सहित ई-कॉमर्स (ऑनलाईन विक्रेता) संकेतस्थल को भी अत्यावश्यक सुविधा के अलावा अन्य वस्तुएं बेचने के लिए मनाई की गई है. किंतु ऐसा होने पर भी ई-कॉमर्स की ओर से नियम भंग होने का दावा किया. राज्य सरकार की ओर से एड. ज्योती चव्हाण ने राज्य सरकार की ओर से जारी किए गये अध्यादेशनुसार अत्यावश्यक सेवा की वस्तु साधनसामग्री और सेवा को छोडकर छोटे व्यापारी और ई-कॉमर्स क्षेत्र को अन्य कौन सी वस्तु बेचने अथवा उसकी डिलेवरी करने के लिए मना करने का स्पष्ट किया गया है. उभय पार्टी के युक्तिवाद के बाद ई-कॉमर्स संकेतस्थल पर अत्यावश्यक सेवा की वस्तुए छोडकर अन्य वस्तुओं की बिक्री होगी क्या? इस संबंध में प्रतिज्ञापत्र पत्र द्वारा भूमिका स्पष्ट करने का निर्देश राज्य सरकार और पालिका प्रशासन को दिए है.

लायसेंस शुल्क तथा टैक्स में छूट दी जाए

सुनवाई दौरान कोरोना के कारण विगत कुछ महिने से दुकाने बंद है. जिसके कारण लायसेंस शुल्क और पालिका की ओर से लिए जानेवाले टैक्स पर दुकाने शुरू होने तक छूट दी जाए. ऐसी मांग याचिकाकर्ताओं ने की है. इस पर पालिका और राज्य सरकार को दो सप्ताह तक प्रतिज्ञापत्र पर भूमिका स्पष्ट करने का आदेश देकर खंडपीठ ने सुनवाई 21 जून तक का समय दिया है.

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