अमरावतीमहाराष्ट्र

आजीवन कैद की सजा हुए कैदी को रिहा करें

हाईकोर्ट का अमरावती कारागृह अधीक्षक को आदेश

अमरावती/दि. 30– बलात्कार प्रकरण में आजीवन कारावास की सजा हुए कैदी को समय के पूर्व रिहा करने के आदेश मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने अमरावती मध्यवर्ती कारागृह अधीक्षक को दिए. इस प्रकरण में न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति महेंद्र चांदवानी की बेंच के सामने सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता कैदी का नाम गढचिरोली जिले के आनंदवाडी निवासी सुदर्शन सुदशिव विघ्ने हैं.
एक नाबालिग पर दुष्कर्म करने के प्रकरण में सुदर्शन को अमरावती सत्र न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. याचिकाकर्ता ने अमरावती कारागृह के जरिए अमरावती सत्र न्यायालय को 15 मार्च 2010 के शासन निर्णय 8 (ब) के मुताबिक 20 साल पूर्ण होने के बाद समयावधि के पूर्व रिहा करने का अनुरोध किया था. सत्र न्यायालय ने अमरावती कारागृह अधीक्षक को रिपोर्ट भेजकर याचिकाकर्ता को शासन निर्णय के मुताबिक 20 वर्ष पूर्ण होने और समयावधि के पूर्व रिहा होने के पात्र है, ऐसा कहा था. लेकन 11 जून 2021 को राज्य शासन के गृह विभाग के अवर सचिव ने याचिकाकर्ता की समयावधि के पूर्व रिहा होने की विनती ठुकरा दी थी. इस कारण याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में एड. राजू कडू के जरिए याचिका दायर की. दोनों पक्षोें की दलीले सुनने के बाद न्या. विनय जोशी व न्या. महेंद्र चांदवानी ने शासन निर्णय व नियमानुसार याचिकाकर्ता 15 मार्च 2010 के शासन निर्णय के मुताबिक समयावधि के पूर्व रिहा होने के पात्र रहने की बात दर्ज कर चार सप्ताह में याचिकाकर्ता की रिहाई करने के आदेश अमरावती कारागृह अधीक्षक को दिए. सुदर्शन की तरफ से एड. राजू कडू ने काम संभाला.

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