विक्रमशीला तंत्रनिकेतन के कर्मचारियों को राहत
हाईकोर्ट ने दिया पक्ष में फैसला
* तंत्रनिकेतन प्रबंधन के पुन: इंटरव्यू का निर्णय खारिज
अमरावती/दि.24 – विक्रमशीला तंत्रनिकेतन दारापुर के शिक्षक और शिक्षक कर्मचारियों को बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने बडी राहत दी है. न्या. विनय जोशी और न्या. एम. एस. जवलकर की खंडपीठ ने विक्रमशीला तंत्रनिकेतन द्वारा पुन: साक्षात्कार लिये जाने के निर्णय को खारिज कर वर्तमान शिक्षकों को कायम रखा है. इसे शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी बहुउद्देशीय संगठन ने अपनी बडी नैतिक विजय बताया है. हालांकि कोर्ट ने अपने निर्णय को चुनौती देने के लिए प्रतिवादी को दो सप्ताह का समय भी प्रदान कर दिया.
श्री दादासाहब गवई चैरिटेबल ट्रस्ट अमरावती द्वारा संचालित विक्रमशीला तंत्रनिकेतन दारापुर में स्थित है. 2010 से ही इस संस्था को राष्ट्रीय तंत्र शिक्षण परिषद और डीटीई की मान्यता प्राप्त है. संस्था में 21 शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी कार्यरत है. संस्था द्वारा कर्मचारियों की सेवा शर्तों की पूर्ति नहीं होने के बारे में कई शिकायतें सरकार के पास दाखिल की गई थी. उस पर कोई कार्रवाई न होते देख तंत्रनिकेतन के कर्मचारी संगठन ने अपनी एकी दिखाकर बंबई उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि, तंत्रनिकेतन प्रबंधन बदले की भावना से पुन: साक्षात्कार आयोजित कर कर्मचारियों की सेवा खंडित करने का षडयंत्र कर रहा है.
हाईकोर्ट ने गत 19 जून को आदेश पारित किया. जिसके अनुसार दोबारा इंटरव्यू लेने का निर्णय कोर्ट ने रद्द किया है. कर्मचारियों को सेवा-शर्तों का संरक्षण प्रदान किया है. जिससे कर्मचारी आनंद व्यक्त कर रहे है. संगठन के अध्यक्ष प्रा. मोहित प्रमोद गावंडे, उपाध्यक्ष प्रा. सुकेश कोरडे, सचिव प्रदीप मोहोड और सभी कर्मचारी का पूरे राज्य में अभिनंदन हो रहा है.
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