मस्जिद मिस्किन शाह में अजमते रसुल कॉन्फ्रेंस
अमरावती / दि. 11-कोई भी मजहब आपस में बैर नहीं सिखाता. भले ही जाति, धर्म, पंथ, भाषा अलग हो, लेकिन इंसानियत एक ही है. कुछ इस प्रकार आपसी भाईचारे व देश में अमन शांति का पैंगाम स्थानीय हाथीपुरा स्थित मस्जिद मिस्किन शाह मियां में आयोजित तरबियती कैम्प व सुन्नी इज्तेमा एक रोजा कार्यक्रम में उलमा-ए-इकराम ने दिया.
मस्जिद मिस्किर शाह मियां में सोमवार को एक दिवसीय तरबियती कैम्प व सुन्नी इज्तेमा का आयोजन मस्जिद मिस्किन शाह मियां के खतीब व इमाम मौलाना मुफ्ती शर्फुद्दीन की सरपरास्ति में आयोजित किया गया. एक दिवसीय तरबियती कैम्प में सगजाता नशीम आसताने आलिया बानी व सरबराहे आला अलजामें ईस्लामिया मसोली शरीफ के अलहाज मौलाना सै. गुलजार ईस्माइल वासती, मुफ्ती शहरयार साहब, मुफ्ती अबुल हसन ने बयान फरमाया कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मौलाना जुनैद रजा, मौलाना जुबेर रजा, मौलाना अख्तर रजा, मौलाना मुजीब वासती, हाफीज शोएब, मौलाना अब्दुल मन्नान, मौलाना सै. शफकत हुसैन, मौलाना इमदाद रजा, मौलाना वाजीद रजा, मौलाना मुजम्मिल रजा, हाफीज जावेद, मौलाना अयाज, हाफीज फजल, हाफीज दानिश, हाफीज जहीर, कारी शकील, कारी इस्माइल अख्तर, मौलाना नदीम, मौलाना शहबाज ने अथक प्रयास किए. इस दौरान मस्जिद मिस्कीन शाह मियां ट्रस्ट के अध्यक्ष आरीफ हुसैन, हाजी रशीद बारी, मो. अयुब, काजी तनवीर, मुजर अहमद, नईमोद्दीन, अ. जलील, मंसूर अहमद, हाजी रफीयोद्दीन, इलियाज बेग, अज्जु कुरैशी, मो. आरीफ, नजमोद्दीप, शिराज बाली, अब्दुल अजीज, नदीम मिर्जा, सै. निसार, नियाजोद्दीन, इमरान, नईमोद्दीन आदि उपस्थित थे.
नमाज के बिना इमान मुकम्मल नहीं
मुफ्ती अबुल हसन साहब ने अपने बयान में फरमाया की मुस्लिम धर्मावलंबियों के लिए 5 समय की नमाज फर्ज है. यह इस्लाम का एक अहम हिस्सा है. इसके बीना इमान मुकम्मल नहीं होता. उन्होंने इस्लाम की तरक्की बयां करते हुए दीन की बातों पर भी प्रकाश डाला.