वृंदावन के केशव धाम में धर्म संसद
राम जन्मभूमि की तरह श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए भी संघर्ष जरुरी

* जगद्गुरु राजेश्वर माऊली सरकार का आवाहन
* श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा मुक्ति आंदोलन की दिशा निश्चित करने आंतर्राष्ट्रीय आयोजन
* धर्म संसद में अनेक संत रहे उपस्थित
अमरावती/दि. 30 – जिस तरह हमने अथक प्रयासो के बाद प्रभु श्रीराम जन्मभूमि प्राप्त की है, उसी तरह अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य-दिव्य मंदिर निर्माण करने के लिए अहिंसा व संविधान मार्ग से सभी को एकजुट होकर संघर्ष करना जरुरी हो गया है, ऐसा श्री रुक्मिणी पीठाधिश्वर पूजनीय जगद्गुरु राज राजेश्वर माऊली सरकार ने कहा. वे वृंदावन के केशव धाम में आयोजित धर्म संसद में बोल रहे थे.
वृंदावन के केशव धाम में बुधवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा मुक्ति आंदोलन की कार्यदिशा निश्चित करने के लिए आंतर्राष्ट्रीय धर्म संसद आयोजित की गई. इस सभा में प्रमुख अतिथि के रुप में कलकी पीठाधिश्वर आचार्य प्रमोद कृष्ण, गीता मनीषि स्वामी ज्ञानानंद महाराज, श्री गोविंद आनंदतीर्थ महाराज, स्वामी उमेश योगी (स्पेन) तथा जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजेश्वर माऊली सरकार सहित अनेक संत उपस्थित थे.
सभा में उपस्थित संतों ने पुरातत्व विभाग की तरफ से मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मस्जिद का सर्वेक्षण करने की मांग की. इस संदर्भ में याचिका अलाहाबाद उच्च न्यायालय में दाखिल किए जाने की जानकारी श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रतापसिंह ने दी. उन्होंने कहा कि, मस्जिद की सत्यता जल्द विश्व के सामने आना इस संसद का उद्देश्य है.
* ‘जाति तोडो, समाज जोडों’ अभियान शुरु करने का निर्णय
संपूर्ण विश्व में हिंदू धर्मिय रहते है. जातपात के बंधन से मुक्त होकर सभी को एक मंच पर लाने के लिए ‘जाति तोडो, समाज जोडों’ अभियान संपूर्ण विश्व में चलाया जानेवाला है. साथ ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति पर भव्य मंदिर निर्माण करने की मांग इस अवसर पर की गई.
* गाय और मठ-मंदिर का रक्षण करने का निश्चय
धर्म संसद में सभी संतों ने गाय से संबंधित प्रश्न तथा मठ और मंदिर का रक्षण करने के लिए अभियान चलाने का संकल्प व्यक्त किया.
* भव्य मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष की पुकार
श्री रुक्मिणी पीठाधिश्वर पूजनीय जगद्गुरु राजेश्वर माऊली सरकार ने कहा कि, भारत में हमने अथक प्रयासों के बाद प्रभु श्रीराम जन्मभूमि प्राप्त की है. जैसे चीन का देश चीन, अमेरिका का देश अमेरिका है. वैसे हिंदुस्थान को हिंदू राष्ट्र कहने में क्या हरकत है? यहां सनातन धर्म के सबूत है. वेद, उपनिषद, भगवद गीता जैसे ग्रंथो का अस्तित्व है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान के प्रत्येक इंच पर मंदिर के सबूत दे सकते है. सनातन अब जागृत हो गया है. संघर्ष के बगैर अपना अधिकार नहीं मिलता, यह हमने इसके पूर्व भी देखा है और आगे भी संघर्ष करना पडेगा. लेकिन हमारा मार्ग अहिंसा और संविधान के मार्ग से चलनेवाला है. भारतीय संविधान के कक्ष में रहकर हम लडाई लडेंगे और अपने आराध्य श्रीकृष्ण जन्मभूमि का भव्यदिव्य मंदिर निर्माण करेंगे, ऐसा भी माऊली सरकार ने कहा.