रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी न हो
केंद्रीय स्वास्थ्य पथक ने दिया कोविड अस्पतालों को निर्देश
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जिलाधीश कार्यालय में ली समीक्षा बैठक
अमरावती/दि.12 – गंभीर स्थितिवाले मरीजों पर ही रेमडेसिविर इंजेक्शन का प्रयोग किया जाये और उसके प्रयोग के बारे में पूरी जानकारी दर्ज रखी जाये. इस दवाई की कही पर भी कालाबाजारी नहीं होनी चाहिए, इस आशय का स्पष्ट दिशानिर्देश केंद्रीय स्वास्थ्य पथक द्वारा जिले के सभी कोविड अस्पतालों को दिया गया.
गत रोज केंद्रीय स्वास्थ्य पथक द्वारा जिलाधीश कार्यालय में एक समीक्षा बैठक आयोजीत की गई थी. जिसमें जिलाधीश शैलेश नवाल, जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम, मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे, मनपा के वैद्यकीय स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विशाल काले व डॉ. सचिन सानप सहित विविध डॉक्टर उपस्थित थे. इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य पथक के सदस्य डॉ. अमितेश गुप्ता व डॉ. संजय रॉय ने उपस्थित डॉक्टरों को निर्देश दिया कि, कोविड संक्रमित मरीजों पर ऑक्सिजन का प्रयोग कब किया जाये, इसके बारे में कर्मचारियों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए. साथ ही इंजेक्शन व अन्य सेवा सहित दवाईयों की दर सूची अस्पताल के दर्शनी हिस्से में लगायी जानी चाहिए. इसके अलावा रेमडेसिविर का प्रयोग सरकार द्वारा निश्चित किये गये मानकों के तहत ही होना चाहिए.
बता दें कि, केंद्रीय स्वास्थ्य पथक द्वारा विगत चार दिनों से जिले के विविध कोविड अस्पतालों का मुआयना किया जा रहा है. चांदूर बाजार स्थित आरोग्यम् अस्पताल में आयसोलेशन व अन्य व्यवस्थाएं अपर्याप्त पाये जाने पर इस अस्पताल की सेवाओं को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है.
स्थानीय मरीजों के लिए बेड आरक्षित
इस समय नागपुर, यवतमाल, वाशिम, अकोला, छिंदवाडा आदि जिलों के कई मरीज इलाज के लिए अमरावती के कोविड अस्पतालों में भरती कराये जा रहे है. ऐसी स्थिति में अमरावती जिले के कोविड संक्रमित मरीजों हेतु बेड उपलब्ध रहना बेहद आवश्यक है. इस बात के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य पथक ने सरकारी अस्पतालों में 40 फीसदी व निजी अस्पतालों में 25 फीसदी बेड अमरावती जिले के कोविड संक्रमित मरीजों हेतु आरक्षित रखने के निर्देश दिये है.
अग्निशमन यंत्रणा उपलब्ध रहना जरूरी
सभी अस्पतालों का फायर ऑडिट रहना बेहद आवश्यक है और फायर ऑडिट करने के बाद भी अग्निशमन व्यवस्था की नियमित जांच और आवश्यक नूतनीकरण समय-समय पर किया जाना चाहिए. इस आशय का निर्देश देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य पथक द्वारा कहा गया कि, जन आरोग्य योजना का अधिक से अधिक मरीजोें को लाभ दिया जाना चाहिए और जिन मरीजों को इस योजना का लाभ नहीं मिला है, उनकी जानकारी व रिपोर्ट मंगा कर आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए.
डिस्चार्ज की जानकारी मनपा को दे
अस्पताल से इलाज के बाद डिस्चार्ज दिये जानेवाले मरीजों की जानकारी महानगरपालिका अथवा संबंधित स्थानीय स्वराज्य संस्था को तुरंत दी जानी चाहिए. साथ ही मरीजों से समन्वय साधते हुए आपसी संपर्क व समुपदेशन की कार्रवाई की जाये. ऐसा निर्देश भी केंद्रीय स्वास्थ्य पथक द्वारा दिया गया है. इस बैठक में यह भी तय किया गया कि, कोविड संक्रमण की वजह से अब तक हुई मौतों तथा अन्य बातों का यथायोग्य विश्लेषण करने हेतु आगामी 16 अप्रैल को बैठक की जायेगी.