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मरीज के रिस्तेदार जिद न करे
अमरावती/दि.23 – रेमडेसिविर यह कोरोना पर रामबाण दवा है. रेमडेसिविर इंजेक्शन से मरीज अच्छा होता है, गंभीर मरीज की मृत्यु नहीं होती अथवा फेफडों का संसर्ग कम होता है, यह जनता की गलत फहमी है, यह दवा कोरोना के लिए प्रभावशाली नहीं है, वैद्यकीय क्षेत्र में अन्य दवा इससे भी उपयुक्त साबित हो रही है. जिससे मरीजों के रिश्तेदारों ने रेमडेसिविर नहीं मिल रहा, इस कारण घबराने की जरुरत नहीं है, इस तरह का आह्वान सेवाग्राम स्थित कस्तुरबा अस्पताल के वैद्यकीय अधिक्षक डॉ.एस.पी.कलंत्री ने किया.
रेमडेसिविर इंजेक्शन से कोरोना मरीजों का मृत्युदर कम करना, मरीज को तैयार होने भितीदायक है. जिससे वेटीलेटर लगाने से बचाना अथवा आईसीयू के मरीजों के दिन कम करना तथा फेफडों का संसर्ग रोकना, इन में से किसी भी कारण के लिए उपयुक्त साबित न होने की बात उन्होंने संशोधन के बाद कही है. वृध्द मरीज को भी रेेमडेसिविर का उपयोग नहीं हुआ. विश्व के 28 देशों में हुए संशोधन से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी रेमडेसिविर उपयुक्त न रहने की बात कही है. सोशल मीडिया ने इस दवा बाबत पूरी तरह से अच्छे हो सकते है, ऐसी समाज में गलत फहमी फैलाई है, ऐसा डॉ.कलंत्री ने बताया है. किसी व्यक्ति को कोरोना हुआ और रेमडेसिविर नहीं मिल रहा, इस कारण उसकी मृत्यु अटल है, यह भ्रम लोगों में तैयार होना भितीदायक है. इससे मरीजों के रिश्तेदार डॉक्टरों पर रेमडेसिविर देने के लिए दबाव डालते है. किंतु बगैर इंजेक्शन के भी मरीज पूरी तरह से अच्छे हो सकते है, ऐसा उन्होंने कहा.