अमरावती

रेमडेसिविर की किल्लत, कैसे लडेंगे कोरोना से

23 कोविड हॉस्पिटल के लिए केवल 200 वॉयल उपलब्ध

  • अब अन्य जिलों के मरीज भी जिले के अस्पतालों में हो रहे भरती

अमरावती/दि.12 – कोरोना से संक्रमित गंभीर मरीजों के लिए वरदान साबित हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन की विगत चार दिनों में जबर्दस्त किल्लत उत्पन्न हुई है. इस इंजेक्शन का स्टॉक भले ही सरकारी अस्पताल में उपलब्ध है, किंतु निजी अस्पतालों में इस इंजेक्शन के लिए भारी भरकम कीमत अदा करनी पड रही है और मांग के बावजूद आपूर्ति समूचित मात्रा में नहीं हो पा रही. ऐसे में कोरोना से कैसे लडा जाये, यह अपने आप में सबसे बडा सवाल है. वहीं दूसरी ओर इस प्रतिकूल परिस्थिति में रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए मुंह मांगी कीमत अदा करते हुए अपने कोविड संक्रमित परिजन की जान बचाने का प्रयास उनके रिश्तेदारों द्वारा किया जा रहा है.
अन्न व औषधी प्रशासन द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी के मुताबिक सरकारी अस्पताल में 7 हजार 500 तथा निजी अस्पताल में केवल 200 रेमडेसिविर इंजेक्शन वॉयल उपलब्ध है. ऐसी जानकारी औषधी निरीक्षक मनीष गोतमारे द्वारा दी गई है. वहीं जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम के मुताबिक फिलहाल इस इंजेक्शन का बडे पैमाने पर उपयोग हो रहा है और इस समय सरकारी अस्पताल में रेमडेसिविर के 4 हजार वायल उपलब्ध है.
उल्लेखनीय है कि, जिले में इस समय कोविड संक्रमण की स्थिति नियंत्रित नहीं हुई है और अब भी रोजाना 400 के आसपास कोविड संक्रमित मरीज पाये जा रहे है. जिनमें से आठ से दस फीसदी मरीज गंभीर स्थिति में रहते है. इनमें से कुछ सरकारी अस्पतालों व कुछ निजी अस्पतालों में भरती होते है. ज्ञात रहे कि अमरावती जिले में सरकारी व निजी अस्पताल मिलाकर कुल 23 डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल है. जहां के मेडिकल स्टोर में रेमडेसिविर इंजेक्शन बिक्री हेतु उपलब्ध रखा जाता है. इसके साथ ही अब अन्य जिलों के कोविड संक्रमित मरीजों को भी अमरावती जिले के कोविड अस्पतालों में इलाज के लिए भरती कराया जा रहा है. ऐसे में अब रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढने लगी है और इसकी तुलना में आपूर्ति बेहद कम है. जिसकी वजह से अब एक बार फिर रेमडेसिविर इंजेक्शनों की बिक्री उंची दरों पर होने लगी है. ऐसा स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा बताया गया है. वहीं दूसरी ओर इस इंजेक्शन की कालाबाजारी न हो, इस हेतु जिलाधीश शैलेश नवाल के आदेश पर जिलास्तरीय नियंत्रण समिती स्थापित की गई है. इस समिती के सदस्यों ने शनिवार को जिले के कुछ अस्पतालों तथा मेडिकल स्टोर में जाकर रेमडेसिविर इंजेक्शन का स्टॉक भी जांचा. इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य पथक ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी नहीं होने देने के लिए सख्त निर्देश जारी किये. जिससे इस मामले की गंभीरता बढ गयी है.

जिले में पांच कंपनियों के जरिये होती है आपूर्ति

जिले में इस समय झायडस, हेटेरो, मायलॉन, सिपला तथा ज्युबिलॉन नामक पांच कंपनियों द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति होती है. वहीं सरकारी अस्पताल में हाफकीन कंपनी द्वारा आपूर्ति की जाती है. इन सभी कंपनियों के रेमडेसिविर इंजेक्शन की दरें अलग-अलग होती है. पिछले सप्ताह में हेटेरो कंपनी द्वारा 400 वॉयल की आपूर्ति की गई थी और रविवार को भी नया स्टॉक भेजा जानेवाला था. किंतु स्टॉकिस्ट के पास माल ही नहीं रहने की वजह से रविवार को आपूर्ति नहीं हो पायी. ऐसे में रेमडेसिविर का नया स्टॉक उपलब्ध होने की प्रतीक्षा की जा रही है, ऐसी जानकारी औषधी निरीक्षक मनीष गोतमारे द्वारा दी गई है.

23 निजी अस्पतालों का काम 200 वॉयल में कैसे चलेगा

एफडीए द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जिले के 23 निजी अस्पतालों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन के केवल 200 वॉयल उपलब्ध है. जबकि इन अस्पतालों के आयसीयू में 236 ऑक्सिजन बेड पर 238 तथा वेंटिलेटर पर 38 मरीज भरती है. यदि आयसीएमआर की गाईडलाईन का भी पालन किया जाता है, तो भी निजी अस्पतालों में भरती मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध नहीं है. ऐसी स्थिति में इस इंजेक्शन की कालाबाजारी होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता.

अन्य जिलों के मरीज अमरावती में

इस समय नागपुर सहित यवतमाल व बुलडाणा आदि जिलों के कोविड संक्रमित मरीज भी इलाज के लिए अमरावती जिले के सरकारी व निजी अस्पतालों में भरती हो रहे है. इसमें से गंभीर स्थिति में रहनेवाले मरीजों के परिजन रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए मुंह मांगी कीमत देने हेतु तैयार होते है. ऐसे में इस इंजेक्शन की बेहद उंची दरों पर बिक्री हो रही है.

  • सरकारी अस्पतालों में रेमडेसिविर का प्रयोग प्रोटोकॉल के अनुसार ही होता है. फिलहाल हमारे पास चार हजार वॉयल का स्टॉक उपलब्ध है. साथ ही पीडीएमसी को ‘ऑन क्रेडीट’ 400 वॉयल दिये गये है. हमारे लिए हर एक मरीज की जान बचाना बेहद महत्वपूर्ण है. जिसमें किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं किया जायेगा.
    – डॉ. श्यामसुंदर निकम
    जिला शल्य चिकित्सक
  • फिलहाल निजी कोविड अस्पतालों के मेडिकल स्टोर में रेमडेसिविर के केवल 200 वॉयल ही उपलब्ध है. जो मरीजों की जरूरत के लिहाज से बेहद कम है. ऐसे में इन इंजेक्शनों की कालाबाजारी होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता. ऐसे में हमारी पूरी नजर रेमडेसिविर इंजेक्शन की बिक्री पर है और कालाबाजारी को रोकने हेतु तमाम प्रयास किये जा रहे है.
    – मनीष गोतमारे
    औषधी निरीक्षक, एफडीए
  • जिलाधीश कार्यालय में रविवार को हुई बैठक में जारी दिशानिर्देशों के तहत प्रोटोकॉल नुसार व फॉर्म भरने के बाद ही रेमडेसिविर इंजेक्शन कराया जा रहा है. सरकारी अस्पताल से भी जरूरत के हिसाब से रेमडेसिविर इंजेक्शन जरूरत के मुताबिक ‘ऑन क्रेडीट’ उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये है.
    – डॉ. अनिल रोहनकर
    श्वसन विकार तज्ञ

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