कृषि पंप का ऑटो स्वीच निकालकर कैपेसिटर बैठाओ
अखंडित बिजली आपूर्ति के लिए महावितरण का किसानों को आवाहन

अमरावती /दि.19– ग्रीष्मकाल के कारण बिजली की मांग बढी है. इस कारण महावितरण के प्रत्येक उपकेंद्र का विद्युत भार बढा है. कृषि पंप के लिए बैठाए गये ऑटो स्वीच के कारण बिजली आते ही एक साथ सभी पंप शुरु होने से विद्युत भार बढता है. जिससे डीपी का दाब भी बढने से उसमें खराबी आकर बिजली आपूर्ति बंद होने का प्रमाण बढा है. इस कारण कृषि पंप को लगाया गया ऑटो स्वीच निकालकर कैपेसिटर बैठाने का आवाहन महावितरण ने किया है.
परिमंडल अंतर्गत अमरावती और यवतमाल जिले मे करीबन 2 लाख 70 हजार कृषि पंप धारक किसान है. महावितरण की तरफ से इन किसानों को दिन और रात बिजली आपूर्ति की जाती है. यह बिजली आपूर्ति शुरु होने के बाद खेत में जाकर कृषि पंप शुरु करने की परेशानी से बचने के लिए अनेक किसानों ने कृषि पंप को ऑटो स्वीच लगाया है. इस कारण बिजली आते ही कृषि पंप अपने आप शुरु हो जाता है. अनेक कृषि पंप एकसाथ शुरु होने से डीपी पर एक ही समय भार बढता है. जिससे डीपी जलने अथवा खराबी आने का प्रमाण बढा है. ग्रीष्मकाल के इस सत्र में डीपी जली तो परेशानी किसानों को उठानी पडती है. इस कारण कृषि पंपों को कैपेसिटर लगाकर ऑटो स्वीच का इस्तेमाल टालने का आवाहन महावितरण ने किया है. कृषि पंप की क्षमता के मुताबिक कैपेसिटर लगाये गये, तो संबंधित क्षेत्र की डीपी का विद्युत भार 21 से 24 प्रतिशत कम होता है. जिससे डीपी में खराबी भी नहीं आएंगी. बिजली आपूर्ति नियमित रहेगी.
* कैपेसिटर लगाने से होगा असर
3 एचपी का कृषि पंप 4.5 एम्पीयर करंट लेता होगा और 1 केवीएआर क्षमता का कैपेसिटर लगाने के बाद इसी कृषि पंप के करंट लेने की क्षमता 1 एम्पीयर से कम होकर 3.5 होती है. इसी तरह 5 एचपी कृषि पंप को 2 केवीएआर क्षमता का कैपेसिटर लगाने के बाद 7.5 एम्पीयर का करंट कम होकर 5.85 होता है. साथ ही 10 एचपी कृषि पंप को 3 केवीएआर क्षमता का कैपेसिटर लगाने के बाद कृषि पंप की करंट लेने की क्षमता 15 एम्पीयर से 11.4 एम्पीयर होती है.